जिला महोबा ब्लॉक कबरई के खन्ना गांव में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले 5 सालों से सिर्फ एक फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है। जहाँ 15 से 20 गांवों के मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन डॉक्टर की अनुपस्थिति में गंभीर मरीजों को रेफ़र करना पड़ता है या फिर इलाज के अभाव में जान भी चली जाती है। राजा बाबू, लाल दास और गांव की अन्य महिलाओं ने बताया कि अगर यहाँ डॉक्टर होते तो कई जानें बच सकती थीं। वहीं फार्मासिस्ट पवन सिंह ने बताया कि वह अकेले ही इंजेक्शन लगाने से लेकर दवा देने, पर्चा बनाने और सफ़ाई तक का काम करते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने डॉक्टरों की कमी को स्वीकार करते हुए जल्द ही नई नियुक्ति का आश्वासन दिया है। क्या सरकारी सिस्टम की ये लापरवाही ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भारी नहीं पड़ रही?
ये भी देखें –
Chhattisgarh: राज्य के शासकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों पर मीडिया की आवाजाही पर बनी सीमाएं
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’
If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke