मार्च 2020 में जब कोरोना महामारी की वजह से सभी के रोज़गार ठप्प पड़ गए। ऐसे में जीविका का सवाल, लोगों के लिए हल करना सबसे बड़ा मसला था। साथ ही ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास बैंकिंग सुविधा भी नहीं थी। जिसे देखते हुए यूपी सरकार ने बैंको को डिजिटल तरह से घर लाने का सोचा और साथ मे ही महिलाओं को रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक नई योजना की शुरुआत की। जानिए क्या है वह योजना–
उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना 2020
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 22 मई 2020 को बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी योजना की शुरुआत की गयी। जिसे बीसी सखी योजना या यूपी बैंकिंग सखी योजना के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के ज़रिए यूपी सरकार की कोशिश है कि वह महिलाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान कर सके।
इस योजना के तहत यूपी सरकार 58,000 बैंकिंग कॉरेस्पॉडेंट सखियों को भर्ती करने जा रही है। इस योजना के पहले चरण में यूपी के मुख्यमंत्री ने 35,938 स्वयं सहायता समूहों को 218.49 करोड़ रुपयों का फण्ड दिया है। ज़ारी किये गए फण्ड से एनजीओ में सिलाई, कढ़ाई, पत्तल और मसालों का निर्माण कर रही, सभी महिलाओं को फायदा होगा। इस योजना के तहत भर्ती महिलाओं का काम, लोगों के घरों तक बैंकिंग सुविधओं को पहुंचाना होगा। लेन–देन पूरी तरह से डिजिटल होगा, जिससे की घर बैठे ही बैंकिंग के सारे काम लोग आसानी से कर पाएंगे।
सरकार सभी सखियों को 4 से 6 हज़ार रुपये देगी। साथ ही यूपी सरकार के द्वारा सखी योजना के लिए 430 करोड रुपए का बजट रखा गया है।
बैंकिंग सखी योजना का उद्देश्य–
बैंकिंग कॉरेस्पॉडेंट सखी योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान करना है। साथ ही आम जनता को बैंकिंग सुविधाएं डिजिटल रूप में घर पर ही उपलब्ध करवाना है। इस योजना की मदद से लोग घर पर रह कर ही पैसों की लेन–देन कर सकते हैं।
इस योजना के तहत चयनित सखी महिला घर–घर जाकर लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताएगी।
योजना में आवेदन करने के लिए ज़रूरी चीज़े –
- महिला का यूपी की स्थायी निवासी होना जरूरी हैं।
- सिर्फ उन महिलाओं को ही भर्ती किया जाएगा, जो बैंकिंग कामकाज समझने के साथ लिख पढ़ भी सकें।
- महिलाओं को इलेक्ट्रानिक डिवाइस की समझ होनी चाहिए ।
- आवेदक महिला का दसवीं पास होना जरूरी है।
- ताकि आवेदक महिला पैसों का लेनदेन करा सके।
- महिला बैंकिंग सेवाओं की समझ रखती हो।
बीसी सखी योजना में दी जाने वाली सैलरी –
- सखी को पहले 6 महीनों तक 4000 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे।
- इसके अलावा बैंकिंग डिवाइस के लिए अलग से 50,000 रुपए दिए जाएंगे।
- बैंकिंग गतिविधियों के लिए एक निर्धारित कमीशन भी अलग से दिया जाएगा।
- इस प्रकार 6 महीने के बाद, इस कमीशन के माध्यम से ही कमाई हो पाएगी।
उत्तर प्रदेश बीसी सखी का कार्य–
- बीसी सखी का मुख्य काम बैंक खाते से घर– घर जाकर पैसों को जमा और निकलवाने का काम करवाना है।
- लोगों को ऋण मुहैया करवाना है।
- जनधन सेवाएं।
- स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को सेवाएं प्रदान करना है।
ऑनलाइन आवेदन कैसे भरें–
उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना का लाभ उठाने के लिए महिलाओ को ऑनलाइन पंजीकरण/ रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरे जाएंगे। जो की सरकार बहुत जल्द ही शुरू करने वाली है। फॉर्म भरने के लिए आपको यह करना होगा–
1. सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में प्लेस्टोर खोलें ।
2. फिर बीसी सखी योजना मोबाइल एप को डाऊनलोड करें।
3.मोबाइल एप डाउनलोड करने के बाद आप उसमें अपना मोबाइल नंबर डालकर लॉग–इन करें।
4.उसके बाद आपको कुछ जानकारियां भरनी होगी। जैसा पूछा गया है, उसे उसी अनुसार सही से भरें। फिर नीचे अगले पेज पर जानें के लिए क्लिक करें।
इस प्रकार से आप बीसी सखी योजना का फॉर्म भर सकते हैं।
सरकार ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार आवास योजना के तहत हर ग्रामीण परिवार को घर देगी। लेकिन बांदा जिले में रहने वाले लोगों को वह भी नसीब नही हुआ। बारिश के वक़्त छत से पानी टपकता है, पेट की भूख से रातों को नींद नहीं आती। सुबह का सूरज तो निकलता है पर रोज़गार नहीं मिलता। लोगों ने यह भी बताया कि उन्होंने मनरेगा के अंदर भी काम किया, लेकिन उन्हें वहां उसका भी पैसा नहीं मिला। सिर्फ चुनाव के वक़्त नेता आते हैं और वोट लेकर चले जाते हैं। लेकिन हमारी परेशानियों का हल कोई नहीं करता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मरेगा और उज्जलवा योजना आदि तो यूपी राज्य में बहुत पहले से ही चल रही हैं। लेकिन फिर भी हर व्यक्ति को इससे अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है, जैसा कि सरकार ने योजनाओं को लागू करते वक़्त कहा था।
अब ऐसे ही सरकार ने बीसी सखी योजना की शुरुआत करी है। जिसमें सरकार यह दावा करती है कि वह महिलाओं को रोज़गार देगी। लेकिन यह दावा कितना सही और कितना झूठा है, हम पिछली योजनाओं को देखकर इसका अंदाज़ा लगा सकते हैं। इस योजना को लागू हुए अभी पांच महीने हो गए हैं, लेकिन योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण फॉर्म अभी तक नहीं निकला है। देखते हैं कि महिलाओं को इस योजना से कोई लाभ होता है या नहीं या फिर यह योजना भी पिछली सारी योजनाओं की तरह लोगों के लिए नाकामयाब साबित होगी। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए।