खबर लहरिया Blog यूपी सरकार पर उपचुनाव वाली सीटों से यादव, कुर्मी और मुस्लिम अफसरों को हटाने का आरोप

यूपी सरकार पर उपचुनाव वाली सीटों से यादव, कुर्मी और मुस्लिम अफसरों को हटाने का आरोप

यूपी में 20 नवम्बर को 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन इसको लेकर राजनीतिक दांव-पेंच खेले जा रहे हैं। स्क्रॉल न्यूज़ एजेंसी की विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, दो विधानसभा क्षेत्र कुंदरकी और कटेहरी के बूथ स्तर के अधिकारियों के नाम हटा दिए गए हैं। इन नामों में एक बड़ी संख्या मुस्लिम, यादव और कुर्मी समुदायों की है। इस साल 2024 अगस्त और सितम्बर में यूपी सरकार पर इन निर्वाचन क्षेत्रों में सैकड़ों बूथ स्तर के अधिकारियों को हटाने का आरोप लगाया गया। इसके लिए समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी।

                                                                                फोटो साभार:सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत के बात भारतीय जनता पार्टी की चिंता और बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश में जैसा की बताया जाता है कि समाजवादी पार्टी के समर्थकों की संख्या में यादव और अन्य समुदायों के मतदाता शामिल है। इसलिए ऐसे अधिकारीयों को कई निर्वाचन क्षेत्रों में वोट देने से वंचित कर दिया गया यानी उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है, ताकि विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी पर इसका असर पड़े।

बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को हटाया गया

स्क्रॉल न्यूज़ ऐंजसी के अनुसार लगभग दो दशकों से, उत्तर प्रदेश में नगर पंचायत कर्मचारी शकील अहमद जो 51 वर्ष के हैं, उन्हें अंबेडकर नगर जिले के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर के अधिकारी के रूप में मतदाता सूची में मतदाताओं को जोड़ने और हटाने का काम सौंपा गया था। इस साल 2024 सितंबर में, अहमद को सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट ने बताया कि इल्तिफातगंज बाजार में मतदान केंद्र पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के रूप में अब उनकी आवश्यकता नहीं है।

 

अहमद ने कहा, “लोकसभा, चुनावों के बाद, हमें बताया गया कि बीएलओ ड्यूटी के कारण नगर पंचायत में हमारा काम प्रभावित हो रहा है। लेकिन पड़ोसी गांवों में किसी भी हिंदू बीएलओ को नहीं हटाया गया।”

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आपको बता दें कि बूथ स्तर के अधिकारी उन्हें कहते हैं जो आमतौर पर स्थानीय स्तर के सरकारी कर्मचारी होते हैं। जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सचिव या डाकिया, भारत के चुनाव आयोग के अंशकालिक अधिकारियों के रूप में काम करते हैं। मतदाता सूचियों को बनाने का काम इन्हीं का होता है। यही कर्मचारी वोट से एक दिन पहले मतदाता सूचना पर्चियाँ भी बाटँते हैं, जो मतदाता के पंजीकरण की पुष्टि करती हैं। इन पर्चियों में वोट का कब और कहाँ डालना है इसकी जानकारी दी होती है।

बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को हटाने का आरोप

द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को “अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक” बताते हुए शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने कहा था कि यह “चुनाव की निष्पक्षता पर सवालिया निशान” लगाता है।

समाजवादी पार्टी ने भारत के चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि यूपी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुस्लिम और यादव पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ इन समुदायों से संबंधित बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को हटा रही है। यह उन जिलों में से ऐसे अधिकारीयों को हटा रही है जहां विधानसभा उपचुनाव होने हैं।

हटाए जाने की प्रक्रिया के बाद कुंदरकी में मुस्लिम बूथ लेवल अधिकारियों की संख्या 128 से घटकर 56 रह गई है।

सपा का आरोप ‘वोट शेयर को कम करना’

ऐसा करने के पीछे मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद उस्मान ने स्क्रॉल न्यूज़ एजेंसी को बताया कि कुंदरकी में एसपी-कांग्रेस गठबंधन का अनुमानित वोट शेयर लगभग 65% है। उन्होंने कहा, “ये (मुस्लिम बीएलओ को हटाना) भारतीय जनता पार्टी द्वारा हमारे मतदाताओं की संख्या को कम करना है, ताकि हमारे वोट शेयर कम कर सकें और जबकि उनका वोट शेयर बढ़ाया जा रहा है।”

मुस्लिम के साथ यादव को भी हटाने का आरोप

रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त तक जैतपुर गांव में बीएलओ रहे जर्रार अली ने जानकारी दी कि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, बल्कि यादव बीएलओ को भी उनके पद से हटा दिया गया है। स्क्रॉल उन पांच यादव बीएलओ की पहचान कर सका जिन्हें हटाया गया है। उनमें से एक, भायपुर गांव के पूर्व बीएलओ हरिओम यादव ने कहा कि उन्हें अगस्त में प्रशासन से फोन पर खबर दी गई थी।

यूपी में विधानसभा उपचुनाव की तारीखों में बदलाव हुआ है जिसकी जानकारी कल 4 नवंबर 2024 को चुनाव आयोग ने दी। जो उपचुनाव 13 नवम्बर को होने वाले थे वो अब 20 नवंबर को होंगे लेकिन परिणाम घोषित की तारीख में बदलाव नहीं किया गया है। चुनाव के परिणाम 23 नवंबर को घोषित किये जाएंगे।

 

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