खबर लहरिया Blog UP Decision on Caste: नाम के साथ नहीं लिख सकेंगे जाति, यूपी सरकार ने जाति पर सुनाया बड़ा फैसला

UP Decision on Caste: नाम के साथ नहीं लिख सकेंगे जाति, यूपी सरकार ने जाति पर सुनाया बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर रोक रहेगी। वहीं सार्वजनिक जगहों पर, पुलिस रिकॉर्डस और सरकारी दस्तावेजों में भी किसी की जाति का जिक्र नहीं किया जाएगा।

  

Yogi Adityanath

योगी आदित्यनाथ (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

                                         

उत्तर प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जाति के संबंध में एक बड़ा फैसला सुनाया है जिसे जाति आधारित विभाजन को कम करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। उन्होंने फैसला सुनाया कि अब उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर रोक रहेगी। वहीं सार्वजनिक जगहों पर, पुलिस रिकॉर्डस और सरकारी दस्तावेजों में भी किसी की जाति का जिक्र नहीं किया जाएगा। निर्देशों के अनुसार अब पुलिस रिकॉर्डस जैसे कि एफआईआर गिरफ़्तारी में किसी भी व्यक्ति कि जाति नहीं बताई जाएगी। इसके अलावा सरकारी और क़ानूनी दस्तावेजों में भी जाति वाले कॉलम को हटाने की तैयारी है। सोशल मीडिया पर भी ऐसी सामग्री पर नजर रखी जाएगी, और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सरकार का तर्क है कि इस कदम के जरिए समानता को प्राथमिकता दी जाएगी। 

दिए गए निर्देश 

– निर्देश के मुताबिक, सोशल मीडिया, इंटरनेट पर भी जाति का महिमामंडन या नफरत फैलाने वाले कंटेंट के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

– एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो और चार्जशीट आदि दस्तावेजों से जाति का उल्लेख पूरी तरह हटाया जाएगा। आरोपी की पहचान के लिए पिता के साथ मां का नाम भी लिखा जाएगा।

– राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में जाति वाले कॉलम को खाली छोड़ा जाएगा. इस कॉम को डिलीट करने के लिए एनसीआरबी को पत्र लिखा जाएगा।

– गाड़ियों पर जाति का महिमंडन करना बैन होगा।

– नोटिस बोर्ड और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाति आधारित नारों या महिमामंडन या आलोचना बैन रहेगी।

  सोशल मीडिया पर भी जाति आधारित नारों या महिमा मंडन या आलोचना बैन रहेगी।

– एससी/एसटी एक्ट जैसे मामलों में जाति का उल्लेख जरूरी होने के कारण इस आदेश से उसमें छूट रहेगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाति व्यवस्था को लेकर सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि समाज में जातिगत महिमामंडन बंद किया जाना चाहिए। कोर्ट ने सरकारी दस्तावेज़ों, गाड़ियों और सार्वजनिक जगहों से भी जातियों का नाम, प्रतीक और निशान हटाने को कहा था। कोर्ट का कहना था कि अगर देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना है तो जाति व्यवस्था को ख़त्म करना होगा। यूपी के इटावा से जुड़े कथित शराब तस्करी से संबंधित आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए अपने महत्वपूर्ण फैसले में तल्ख टिप्पणी की थी। बता दें कि गत 19 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट एक शराब तस्करी पर सुनवाई कर रहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद दिवाकर की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता प्रवीण छेत्री की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि जातिगत महिमामंडन ‘राष्ट्र-विरोधी’ है और वंश के बजाए संविधान के प्रति श्रद्धा ही देशभक्ति का सर्वोच्च रूप और राष्ट्र सेवा की सच्ची अभिव्यक्ति है। जहां तक जाति आधारित भेदभाव का सवाल है, नीति और नियम निर्माताओं को सार्वजनिक वाहनों में जाति के प्रतीकों और नारों पर अंकुश लगाने, सोशल मीडिया पर जातिगत महिमामंडन वाली सामग्री को नियंत्रित करने और विशिष्ट जाति आधारित संस्थानों के बजाए अंतर-जातीय संस्थानों और सामुदायिक केंद्रों को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए।

एसटी और एससी एक्ट मामलों छूट

एसटी, एससी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में जाति का उल्लेख जरूरी होने पर सावधानी बरती जाएगी, ताकि अन्याय के शिकार व्यक्ति को न्याय मिलने में कोई बाधा न आए। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को आदेश के पालन की निगरानी के लिए समितियां गठित करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश जहां एक तरफ जाति के नाम पर राजनीति और दिखावे को रोकने का प्रयास है वहीं दूसरी तरफ यह आशंका भी है कि जिनके ऊपर जाति आधारित हिंसा या किसी भी तरह कि मामलों पर आवाज उठाने वालों को अपनी वास्तविक समस्या या अन्याय को सामने रखने में बाधित हो सकता है। यानी वे लोग जाति से संबंधित किसी भी तरह के मुद्दों को नहीं उठा पाएंगे और उसका विरोध करना भी मुश्किल हो जाएगा। 

 

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *