खबर लहरिया Blog UP Chitrakoot Maheri Recipe : “महेरी” बनाने की विधि – गाँव का पारंपरिक व्यंजन

UP Chitrakoot Maheri Recipe : “महेरी” बनाने की विधि – गाँव का पारंपरिक व्यंजन

महेरी का स्वाद खट्टा और नमकीन होता है। यह खाने में स्वादिष्ट और फायदेमंद दोनों होती है। गाँवों में आज भी मठ्ठा (छाछ) की महेरी लोग बड़े शौक से बनाते हैं। पहले हर घर में लगभग हर तीसरे दिन महेरी बनाई जाती थी।

महेरी बन के तैयार (फोटो साभार : सुनीता)

रिपोर्ट – सुनीता, लेखन – सुचित्रा 

चित्रकूट ज़िले के मऊ ब्लॉक के गाँव सुरौधा की सुमन बताती हैं कि महेरी कई चीज़ों से बनाई जा सकती है – जैसे चावल, मठ्ठा, दलिया और बाजरे के चावल आदि। गाँव में महेरी बनाने के लिए सारी सामग्री आसानी से मिल जाती है। गाय या भैंस का मठ्ठा, बिना पैसे के घर में रखे चावल, और रसोई में मौजूद नमक, मेथी, लहसुन, मिर्च, सरसों का तेल और हल्दी (रंग के लिए) बस यही सब चाहिए।

महेरी बनाने की विधि

सबसे पहले चावल को धो लें।
फिर थोड़ा पानी डालकर उसे हल्का उबाल लें।
उबले हुए चावल में मठ्ठा, नमक और हल्दी डालें।
इसे धीमी आँच पर तब तक पकाएँ जब तक मठ्ठा और चावल एक साथ अच्छे से मिल न जाएँ।
अंत में मेथी, लहसुन और मिर्च का छौंक (तड़का) लगाएँ।

 

इतना करने के बाद आपकी स्वादिष्ट महेरी तैयार हो जाती है। इसे बनाने में न ज़्यादा समय लगता है, न ज़्यादा खर्च।

महेरी बनाने का अलग-अलग स्वाद 

गाँव के लोग अपने स्वाद के अनुसार महेरी बनाते हैं  कुछ नमक डालकर नमकीन महेरी पसंद करते हैं, तो कुछ गुड़ डालकर मीठी महेरी बनाते हैं। दोनों का स्वाद अलग-अलग और लाजवाब होता है। साथ ही यह शरीर के लिए भी फायदेमंद और पौष्टिक मानी जाती है।

खास बात यह है कि यह मौसम में किसी तरह की हानि नहीं करती, बल्कि शरीर को ठंडक और ताकत देती है।

जो लोग एक बार महेरी का स्वाद चख लेते हैं, उन्हें इसका स्वाद हमेशा याद रहता है और दोबारा खाने की इच्छा होती है। पुराने ज़माने में महेरी हर घर में बनती थी।

चित्रकूट ज़िले के गाँव सुरौधा की सुमन बताती हैं, “हमारी बूढ़ी दादी हर तीसरे दिन भैंस का मठ्ठा भवा (निकाला) करती थीं। मठ्ठा पर्याप्त मात्रा में होता था — लगभग तीन लीटर मंठा से एक किलो चावल की महेरी बन जाती थी। हम लोग पूरा दिन वही खाते थे। आज भी उसका स्वाद याद आता है।”

आजकल लोग पहले जैसा मठ्ठा इस्तेमाल नहीं करते। कई बार मठा खराब हो जाता है, तो उसे नदी या तालाब में बहा देते हैं या भैंस को पिला देते हैं। कुछ लोग गर्मी के मौसम में रायता बनाते हैं, नहीं तो मठ्ठा फेंक देते हैं।

महेरी में तड़का (छौंक) लगने से बढ़ता है स्वाद 

महेरी बनाने में सबसे खास बात होती है तड़का (छौंक) — किसी के हाथ का तड़का इतना स्वादिष्ट होता है कि लोग उंगलियाँ चाटते रह जाते हैं। महेरी देखने में भी सुंदर लगती है — हल्दी से सुनहरी, मठ्ठा से गाढ़ी, और स्वाद में लाजवाब। यह न सिर्फ पेट भरने वाला भोजन है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।

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