चित्रकूट बुंदेलखंड के दुगवां गांव में 17 वर्षीय राजू अनुरागी पिछले कई सालों से अपनी छाती पर ज्वारा रखकर उपवास कर रहे हैं। महीनों पहले से खाना-पीना छोड़ना और अपनी आस्था के नाम पर शरीर को कमजोर करना उनकी रोज़मर्रा की कहानी बन गई है। डॉ विनीत सचान कहते हैं कि लंबे समय तक भूखे रहने से शरीर कमजोर हो सकता है, चक्कर आ सकते हैं और गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। भक्ति में आस्था होनी चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। आस्था अच्छी है, पर अंधविश्वास में पड़कर खुद को कमजोर न करें।
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