मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने कुपोषण को देश से हटाने के लिए 10 जिलों में 28 ‘मुख्यमंत्री सुपोषण घर’ (पोषण केंद्र) स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके चलते राज्य में आने वाले वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए भी गाड़ियों की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी मिली है, साथ ही सिंथेटिक ईंधन उत्पन्न करने के लिए “ड्रॉप-इन ईंधन संयंत्र” स्थापित करने के प्रस्तावों को भी स्वीकार कर लिया गया है।
चित्रकूट, चंदौली, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, बहरीच, बलरामपुर, श्रवस्ती, सीतापुर और गोंडा जिलों में मुख्य कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित “सुपोषण” केंद्र स्थापित किए जाएंगे। बहरीच में सबसे अधिक केंद्र(14) बनाए जायेंगे।
इन केंद्रों में एक सलाहकार, तीन नर्स, सह-देखबाल के लिए दो रसोइया और अनुबंध आधार पर एक सफाई कर्मचारी को रखा जायेगा।
ये केंद्र कुपोषित गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात बच्चों का स्वस्थ्य परिक्षण भी आयोजित करेंगे। इन केन्द्रों को समुदाय या प्राइम हेल्थ सेंटर के रूप में स्थापित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने 1,500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ सिंथेटिक ईंधन उत्पन्न करने के लिए “ड्रॉप-इन ईंधन” परियोजना की स्थापना के चलते ‘सनलाइट ईंधन प्राइवेट लिमिटेड’ के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। कंपनी को परियोजना द्वारा भूमि की खरीद के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर सरकार द्वारा कई छूट भी दी जाएँगी।
मंत्रिमंडल ने वीवीआईपी और राज्य में आने वाले वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से नियमित एसयूवी के अलावा जैमर और बुलेट प्रूफ वाहनों सहित 95 चार-पहिया वाहनों की खरीद को लेकर भी चर्चा की जा रही है। सरकारी सूत्रों द्वारा पता चला है कि इन वाहनों का प्रयोग आगामी कुंभ मेले के साथ-साथ प्रवासी भारतीय दिवस के लिए जनवरी 2019 में इलाहाबाद और वाराणसी में इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि सरकार ने राज्य संपत्ति विभाग द्वारा 17 अन्य वाहनों की खरीद को मंजूरी दे दी है।
गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में गोरक्षनाथ अनुसंधान पीठ स्थापित करने के प्रस्ताव को 13 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मंजूरी दे दी गई है।