मीरा- चिंकी बहिनी या दरकी पोंगा बाबा के बात झूठ कसत निकर गे।
नाजनी- कौन पोंगा बाबा?
मीरा- इनकर पूरी का पूरी गैंग है।
नाजनी- अच्छा ईं सोशल मीडिया मा उतराय वाले आहीं का।
मीरा- फिट पहंचान लीनेव। तबै से हेराय जइसेन गें। आता पता नहीं चलत आय।
नाजनी- अरे हमरे हिंया एक समय इनहिन इनहिन देखात रहैं।
कहत रहैं कि छंगन जीती। कोउ कहत रहै कि पंगन जीती तो कोउ झंगन का कहत रहै।
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मीरा- और एक बात याद है न। नहीं सुरता देवाय देव।
नाजनी- तुम्हार हमनर शर्त झंगुली और बंदरवा बाबा मा लाग रहै।
मीरा- अरे अब न कहव आवा मोहिका लइका तोहिका। वहै कहावत है।
नाजनी- कसत
मीरा- वा नेताउना बाबा खूब खून पसीना बहाइस पै वहिके हिस्से मा माठा आवा। दूध घी मलाई का स्वाद कोउ और लईगा।
नाजनी- कोउ और नहीं लईगा आय। मड़ई मिलके दीनेन हैं
मीरा- धीरज धरौं। हमरे लखनऊ वाली का आय जाय देव। वा बिल्कुल सही जानकारी देई।
नाजनी- केतने दिन लगिहैं।
मीरा- पता निहाय। चलो हम होली के तैयारी करी अउर मिलजुल के होली मनाई। ईं राजकाज आए फिर मची हल्ला कुछ दिनन मा। वाहिकर मजा भी लूटब।
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