अगर हम 2019 के महिला हिंसा के आकड़े देखे तो कलेजा कांप उठेगा। 16 फरवरी 2019 में द वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार 15 मार्च से 9 मई तक उत्तर प्रदेश में 803 बलात्कार और 729 हत्याएं हुई है। यह आंकड़ा साफ ज़ाहिर कर रहा है कि महिलाएं कितनी सुरक्षित है। आपको निर्भया केस तो याद ही होगा, यह केस 16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में हुआ था। जिसको लेकर पूरे देश मे हलचल थी, जगह जगह धरना प्रदर्शन किए गए थे। पर आज भी पीड़ित परिवार न्याय पाने के लिए भटक रहे हैं। कोर्ट ने अपराधियो को साबित भी कर दिया है। पर अपराधी अभी भी जिंदा है। उन्नाव जिले के दो मामले है जो रेप से जुड़े है, जिसमे एक पीड़िता अपनी जिंदगी और मौत से अस्पताल में लड़ रही है, तो वही दूसरी न्याय की उम्मीद छोड़कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी है। इतना ही नही उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला में एक मामला सामने आया था, जहां पर 18 साल की लड़की के साथ उसके चाचा ने बलात्कार करके मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। पुलिस के अनुसार अपराधी को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है। निर्भया केस के बाद नियम कानून तो बहुत लाये गए गए, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। महिला हिंसा कम होने की जगह कई गुना आकड़ो में बढ़ोत्तरी हुई है। अगर मैं अपनी बात करू तो आजकल मुझे भी बाहर निकलने में डर लगने लगा है। क्योंकि कोई भी दिन ऐसा नही होता जिसदिन महिला हिंसा की ख़बर न मिलती हो। इन सब केसों के बीच मे अभी थोड़ी सी राहत जरूर मिली है। उन्नाव केस के मामले में कोर्ट ने उन्नाव विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 25 लाख रुपये का जुर्माना और उम्र कैद की सजा सुनाई है। पर यह भी हमारे लिए ऊंट के मुंह मे जीरा के बराबर है, पर फिर भी न्याय पाने की एक किरण जरूर जागी है। आपको बता दें कि उन्नाव की एक नाबालिक लड़की 11 जून 2017 को गाँव के अगवा कर ली गई थी जो 21 जून को पुलिस को मिली थी. पीड़िता ने 22 जून 2017 को मजिस्ट्रेट के सामने बयान में कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था. लेकिन उसकी बात पुलिस ने नहीं सुनी थी उल्टा उसके पिता को जेल में डाल दिया जहाँ उसकी संदिग्ध परिस्थति में उसकी मौत हो गई. फिर न्याय की गुहार लेकर पीड़िता ने सीएम योगी के घर के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी. पीड़िता ने विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार के साथ ही पीड़िता के पिता की जेल में हत्या कराने का आरोप भी लगाया था इतने दिनों की हीलाहवाली के बाद मामला सीबीआई के पास पहुँचा। जिसमे कुलदीप पर लगाए आरोप सिद्ध हुए। 16 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। जबकि 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। जहाँ अदालत ने कुलदीप को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. जिसमे से 10 लाख पीड़िता को मुआबजे के तौर पर दिया जाएगा। आपको बता दें इस वक्त देश के कुल 76 जनप्रतिनिधि के खिलाफ महिला हिंसा के केस दर्ज है जिसमे 21 सिर्फ भाजपा के हैं असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 10 साल के दौरान (2010-2019) सांसदों पर महिला अपराध के दर्ज मामलों में 850 प्रतिशत की बढ़ौतरी देखि गई है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के दौरान महिला अपराधों में आरोपी उम्मीदवारों की तादाद में 231 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हम जब उन्नाव केस की बात कर रहे है तो बता दें की उन्नाव में कई बड़े राजनेता हैं। इनमें उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर हृदयनारायण दीक्षित, यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और बीजेपी सांसद साक्षी महाराज शामिल हैं। एक स्थानीय वकील के अनुसार उन्नाव में अपराध को राजनीति से ही बढ़ावा मिलता है। नेता अपराध को राजनीतिक दुश्मनी के लिए इस्तेमाल करते हैं और पुलिस उनकी कठपुतलियों की तरह काम करती है। एक भी ऐसा मामला नहीं है जिसमें पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया हो। जो देश में महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है इन सभी केसों के बीच आपके क्या सवाल जवाब है आप मुझे कॉमेंट करके जरूर बताएं, हम आपको ऐसे ही केसो से आपको रूबरू कराते रहेंगे, देखने के लिए आप मेरे चैनल को सब्सक्राइब नही किया तो सब्सक्राइब करिये, वीडियो लाइक करिये, और शेयर करना न भूलिए, अभी के लिए इतना ही अब दीजिये मुझे इजाजत अगले एपिसोड में फिर मिलेंगे एक नए मुद्दे के साथ नमस्कार।