चउरा दरबार के एपिसोड में हमने बात करी कुछ किसानों से। हम सभी दिनभर काम करके जब थक कर घर पहुँचते हैं तो दिनभर की दिनचर्या दोस्तों से, आस-पड़ोसियों से, घरवालों से साझा करते हैं। कई बार घर के बड़े बुज़ुर्ग भी अपने दौर के किस्से हमें सुनाने लग जाते हैं या फिर नानी-दादी की कहानियां भी सुनाते हैं। इस बार चउरा दरबार में हमने भी कुछ ऐसी ही पुरानी कहानियां सुनी, तो चलिए आप भी सुनिए।
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