खबर लहरिया Blog Bihar Budget 2025-26: आम बजट 2025-26 में बिहार विधानसभा चुनाव को केंद्र में रख कई योजनाओं की हुई घोषणा, जानें योजनाओं के बारे में 

Bihar Budget 2025-26: आम बजट 2025-26 में बिहार विधानसभा चुनाव को केंद्र में रख कई योजनाओं की हुई घोषणा, जानें योजनाओं के बारे में 

मल्लाह समुदाय, बिहार की कुल आबादी का लगभग 2.6 प्रतिशत हैं, जो इन नदी क्षेत्रों में रहते हैं। केंद्र का कहना है कि मखाना बोर्ड गठन होने से इस समुदाय को रोज़गार मिलेगा और इससे यह भी ज़ाहिर है कि सरकार इसके ज़रिये मल्लाह समुदाय का वोट अपने लिए सुरक्षित करना चाह रही है। मल्लाह समुदाय हमेशा से उन पार्टियों के साथ रहा जो सामाजिक न्याय के लिए लड़ती आई है, ख़ासकर जेपी आंदोलन के बाद। 

Union Budget 2025-26 with a focus on the Bihar Assembly elections, know about the schemes

आम बजट 2025-26 की फ़ाइल के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तस्वीर (फ़ोटो साभार – सोशल मीडिया)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 पेश करते हुए बिहार को केंद्र में रख कई घोषणाएं की। बिहार को केंद्र में रखने को यहां इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से भी जोड़ा जा रहा है। यहां घोषणएं राजनीति व वोट को केंद्रित करने के नज़रिये से रखी गईं हैं और इसके लिए आम बजट सबसे बेहतर समय व तरीका निकलकर साबित हुआ है। 

आम बजट 2025 में बिहार के लिए हुई घोषणाएं इस प्रकार से हैं:- 

  1. बिहार में मखाना बोर्ड का गठन 
  2. राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना
  3. पटना हवाईअड्डे का विस्तार, बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना व ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा में विकास 
  4. मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता

मखाना बोर्ड का गठन 

मखाना के उत्पादन, प्रोसेसिंग, कीमतों और मार्केटिंग के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसे लेकर राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि, “मखाना बोर्ड के गठन का ऐलान ऐतिहासिक है। इससे हमारे मखाना किसानों को मदद मिलेगी।”

  • बता दें, दुनिया का 85-90 फ़ीसदी मखाना भारत में होता है। 
  • वहीं भारत का 90 फ़ीसदी मखाना बिहार राज्य में होता है। 
  • बिहार राज्य के मधुबनी,सुपौल,दरभंगा,अररिया,सीतामढ़ी, पूर्णिया,कटिहार व किशनगंज में मखाने की होती है। 
  • इसके आलावा भारत में हर साल 50 से 60 हज़ार टन मखाने के बीज की पैदावार होती है। 
  • इससे 20-25 हज़ार टन मखाने का लावा निकलता है। 

मखाने की खेती और कटाई का काम मुख्यतौर पर मल्लाह समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है, जो बिहार के सबसे गरीब समुदायों में से एक समुदाय है। सीतामढ़ी-मधुबनी से लेकर सुपौल-किशनगंज तक के नदी क्षेत्रों में मखाने की खेती होती है। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मल्लाह समुदाय, बिहार की कुल आबादी का लगभग 2.6 प्रतिशत हैं, जो इन नदी क्षेत्रों में रहते हैं। केंद्र का कहना है कि मखाना बोर्ड गठन होने से इस समुदाय को रोज़गार मिलेगा और इससे यह भी ज़ाहिर है कि सरकार इसके ज़रिये मल्लाह समुदाय का वोट अपने लिए सुरक्षित करना चाह रही है।

रिपोर्ट कहती है कि मल्लाह समुदाय हमेशा से उन पार्टियों के साथ रहा जो सामाजिक न्याय के लिए लड़ती आई है, ख़ासकर जेपी आंदोलन के बाद। 

बिहार में ग्रीनफील्ड व ब्राउनफील्ड हवाईअड्डों का विस्तार 

राज्य में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों का विस्तार किया जाएगा। ग्रीनफ़ील्ड हवाईअड्डे ऐसे क्षेत्र होते हैं जो अविकसित ज़मीन पर बनाये जाते हैं और उन्हें एकदम शून्य से बनाया जाता है। इसके अलावा, पटना हवाईअड्डे का विस्तार करने के साथ, बिहटा में ब्राउनफील्ड हवाईअड्डे का विकास किया जाएगा। 

ब्राउनफील्ड हवाईअड्डे वे हवाईअड्डे होते हैं जो पहले से ही किसी जगह पर मौजूद होते हैं व इनके पास पहले से ही बुनियादी ढांचा (जैसे – टर्मिनल की इमारत या अन्य सुविधाएं) होता है। इन हवाईअड्डओं का विस्तार व विकास पुराने ढांचे के आधार पर होता है। 

मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए सहायता 

मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए केंद्र द्वारा वित्तीय सहायता दी जायेगी। इस योजना के अंतर्गत 50 हज़ार हेक्टेयर से अधिक ज़मीन पर खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलने की बात कही गई है। यह भी कहा गया कि इससे जल प्रबंधन बेहतर होने के साथ, कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। 

पटना आईआईटी के ढांचे में विस्तार 

आम बजट में आईआईटी पटना में हॉस्टल और उसके बुनियादी ढांचे में विस्तार के लिए बजट रखा गया है, ताकि उच्च शिक्षा और शोध सुविधाओं को मज़बूती दी जा सके। बताया गया कि इसका उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों को जगह देने के साथ, संस्थान में उनके शैक्षिक संसाधनों को सुधारना है। 

बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना 

सरकार की “पूर्वोदय योजना” के तहत बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जायेगी। बता दें, यह योजना पूर्वी राज्यों के विकास की ओर ध्यान केंद्रित करती है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह संस्थान खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इससे किसानों को बेहतर आय के अवसर मिलेंगे और युवा उद्यमियों के कौशल का विकास होगा। 

बजट गांव और गरीबी विरोधी है – तेजस्वी यादव 

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जुलाई 2024 के बजट में केंद्रीय सरकार ने बिहार के लिए 60 हज़ार करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनों की घोषणा की थी। इसमें तीन एक्सप्रेसवे, एक पॉवर प्लांट,नए हवाई अड्डे इत्यादि चीज़ें शामिल थीं। इस बात पर गौर करते हुए सपा नेता अखिलेश यादव ने भी कहा कि केंद्र द्वारा पिछले साल का बजट बस दोहरा दिया गया है। 

बीबीसी की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पिछले बजट को ही फिर से दोहरा दिया गया है। ये बजट गांव और गरीब विरोधी है। हम लोग कैबिनेट में थे तभी बिहटा में अतिरिक्त ज़मीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को दे दिया था लेकिन अभी तक उस पर काम शुरू नहीं हुआ।”

वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का कहना था कि, “बजट में बिहार का ख़याल रखा गया है। बजट में बिहार के लिए उड़ान योजना के तहत एयरपोर्ट शुरू करने, मेडिकल कॉलेज और एक्सप्रेसवे बनाने की चर्चा है। बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही हैं।”

इन सब चीज़ों को देखकर यह बात तो साफ़ है कि केंद्र की सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए इस बार बिहार को केंद्र में रखा है। हालांकि, जैसे कि तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले साल के बजट को इस साल बस दोहरा दिया गया है तो यहां बस यही सवाल है कि यह योजनाएं सिर्फ राजनीति बनकर ही रह जाएंगी या असल में भी लोगों को उसका लाभ मिलेगा?

 

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