खबर लहरिया Blog लखनऊ विधानसभा के सामने एक महिला ने कि आत्मदाह की कोशिश, बताया जा रहा है ‘लव-जिहाद’ का मामला

लखनऊ विधानसभा के सामने एक महिला ने कि आत्मदाह की कोशिश, बताया जा रहा है ‘लव-जिहाद’ का मामला

मंगलवार 13 अक्टूबर को यूपी में “लव जिहाद” का मामला सामने आया है। जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद कहा जाता है। बताया जा रहा है कि यूपी विधानसभा के सामने एक महिला ने खुद को जलाने की कोशिश की। महिला लखनऊ से 350 किमी. दूर महराजगंज जिले के बहादुर नगर की रहने वाली है। वह लखनऊ वरिष्ठ अधिकारीयों से मिलने आयी थी ताकि उसे उनसे अपनी परेशानियों का हल मिल सके। लेकिन उनसे न मिल पाने के कारण, हताश होकर उसने आत्मदाह करने की कोशिश की। उस वक़्त बीजेपी के कुछ लोग वहां मौजूद थे। पुलिस की मदद से उन्होंने आग को बुझाकर महिला को बचा लिया। इस वक़्त महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

यह है पूरी घटना 

पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने 2012 में अपने ही गाँव के अखिलेश तिवारी नाम के व्यक्ति से शादी की थी। शादी के कुछ सालों के बाद दोनों के बीच अन-बन होनी शुरू हो गयी। जिसके बाद दोनों ने तलाक का फैसला ले लिया। दोनों के बीच महाराजगंज परिवार न्यायालय में तलाक का मुकदमा चल रहा था। एक साल के बाद उनका तलाक हो गया। तलाक के बाद महिला की मुलाक़ात गोरखपुर में रहने वाले आसिफ रज़ा से होती है। फिर वह उसी के साथ रहने लगती है। 

महिला द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, आसिफ रज़ा ने पहले महिला का धर्म परिवर्तन करवाया। उसके बाद उससे निकाह किया। फिर महिला सालों तक आसिफ के साथ उसकी पत्नी बनकर रहने लगी। 

लखनऊ पुलिस ने महराजगंज पुलिस से मांगी रिपोर्ट 

मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन ढाई साल पहले आसिफ रज़ा दुबई चला गया था। वह वहीं से महिला को खर्चे के लिए पैसे भेजा करता था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उसने पैसे भेजना बंद कर दिया। धीरे-धीरे महिला से सारे संपर्क भी खत्म कर दिए। फिर महिला अपना हक़ लेने के लिए अपने ससुराल पहुँच गयी। कुछ सप्ताह पहले वह महराजगंज पहुंची थी, जहां वह रहती थी और उसने वहां की पुलिस से उसे उसके ससुराल में ठहराने की मदद मांगी। लेकिन पुलिस का कहना था कि महिला न तो ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर लिखवाना चाहती थी और न ही उसके पास आसिफ रज़ा से निकाह करने के कोई भी सबूत थे। महिला ने बताया कि आसिफ के दुबई चले जाने के बाद उसके ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करते थे|

फिलहाल मामले को हाई सिक्योरिटी जोन में रखा गया, क्यूंकि घटना आत्मदाह की थी। मामले को लेकर लखनऊ पुलिस ने महाराजगंज पुलिस से रिपोर्ट मांगी है और पीड़िता के परिवार से भी और जानकारी लेने के लिए संपर्क किया है।  

तनिष्क लव जिहादविज्ञापन पर लोगों ने दिखाई नाराज़गी 

हाल ही में, ‘लव जिहादसे जुड़ा एक और मामला सामने आया है। तनिष्क ( जो की गहनों की कंपनी है ) ने लव जिहादको लेकर एक विज्ञापन बनाया है।  जब से विज्ञापन प्रकाशित हुआ है तब से उस पर लोगों के नकारात्मक विचार देखने को मिल रहे हैं। लोगों के अनुसार विज्ञापन लव जिहादको बढ़ावा देता है। साथ ही इसके बाद ट्विटर पर बॉयकॉट तनिष्क भी चल रहा था। जिसके चलते अब कंपनी ने विज्ञापन को हटा दिया है। टाटा समूह ने विज्ञापन को लेकर अपनी सफ़ाई पेश की है।

कंपनी के प्रवक्ता ने एकत्वमधारणा को पेश करते हुए सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि इस विज्ञापन फिल्म का मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बिल्कुल नहीं था,इसी वजह से अब विज्ञापन को वापस ले लिया गया है।

कंपनी ने बयान में कहा कि इस विज्ञापन के पीछे उनका मकसद विभिन्न क्षेत्रों के लोगों, स्थानीय समुदायों और परिवारों को एक साथ आकर जश्न मनाने के लिए प्रेरित करना था। लेकिन विज्ञापन की सोच के विपरीत, लोगों ने विज्ञापन देखने के बाद काफ़ी नाराज़गी दिखाई। 

लव-जिहादपर होता है यह पहला मामला या विज्ञापन नहीं है। लेकिन जब भी ऐसा कोई मामला सामने आता है तो इस पर लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती है। अगस्त 2017 में केरला में भी लव-जिहाद से जुड़ा मामला सामने आया था, जिस पर लम्बे समय तक विवाद चला और सामने आया की लड़की ने अपनी मर्ज़ी से अपना धर्म परिवर्तन करवाया था। 

महिला द्वारा आत्मदाह क्यों किया गया, इस बात पर सवाल उठाया जाए तो यह तो साफ़ दिखता है कि महिला को किसी भी अधिकारी द्वारा सहायता प्रदान नहीं की गयी थी। यहां तक की जब वह लखनऊ विधानसभा जाती है तो भी जनता के अधिकारी उससे नहीं मिलते। न ही उसके जिले की पुलिस उसकी मदद करती है।

यहां आत्मदाह की वजह उसकी अपनी समस्या से ज़्यादा, अधिकारीयों द्वारा उससे न मिलने की है। यहां दोष तो नियुक्त अधिकारी पर जाता है कि आखिर महिला की समस्या को क्योंनहीं सुना गया ? अगर उसकी बात सुन ली जाती तो महिला खुद को आग लगाने के लिए मज़बूर नहीं होती। मामले के बाद यूपी सरकार ने कहा कि वह लव जिहादके खिलाफ एक कानून बनाने की सोच रही है। जिसका उद्देश्य बल और धोखे से धर्मिक परिवर्तनों को रोकना होगा।

लेकिन उन अधिकारीयों पर कानून कार्यवाही करने को लेकर क्या ? जिनकी वजह से महराजगंज की महिला की ही तरह न जाने कितने ही लोग प्रशासन से मदद न मिलने पर ऐसे कदम उठा लेते हैं। उन अधिकारीयों और खुद को कहे जाने वाले जनता के सेवकों पर सरकार कब कड़े कदम उठाएगी ? या फिर सारे नियम और कानून जनता तक ही सीमित है।