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इंडोनेशिया में घातक सुनामी का शिकार हुए सैंकड़ों लोग

साभार: फ्लिक्कर

इंडोनेशिया में सुनामी के कहर का शिकार हुए लाखों लोग। मगर इसका डर अभी भी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि सरकार ने वहां रह रहे लोगों को चेतावनी दी है कि ऐसी दुर्घटना फिर से घट सकती है। वहां मौजूद ज्वालामुखी के कारण देश एक बार फिर से सुनामी की चपेट में आ सकता है।

इस सुनामी का शिकार हुए सैंकड़ों लोगों में से कई लोग घायल और दो दर्जन से भी अधिक लोग लापता पाए गए हैं। ऐसे में कम से कम 281 लोगों के मरने की खबर भी सामने आई है।

इंडोनेशिया के मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूवैज्ञानिक एजेंसी (बीएमकेजी) के अनुसार, जब जावा और सुमात्रा के द्वीपों के बीच सुंडा जलडमरूमध्य में अनक क्राकाटा ज्वालामुखी फटा, तभी सुनामी की लहरें उठीं।

सीएनएन के मौसम विज्ञानी एलिसन चिंचर ने कहा कि जब विस्थापित चट्टान पानी की सतह के नीचे खिसकी, तो उसने पानी को ऊपर की तरफ धकेल दिया था, जिस कारण सुनामी पैदा हुई।

शहर की बदलती तस्वीर को मद्देनज़र रखते हुए, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इंडोनेशिया के मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूवैज्ञानिक एजेंसी (बीएमकेजी) को एक ऐसे अनुसंधान-यंत्र खरीदने को कहा है, जिससे कि वे समय से पहले ही लोगों के बीच सावधानी बरतने के लिए चेतावनी दे सकें।

सुनामी में कई घर भह जाने के कारण, वहां रह रहे लोगों ने पलायन का फैसला लिया है। उनका कहना है कि अनारक क्राकटु ज्वालामुखी के विस्फोट के बाद, पानी के नीचे पैदा हुए भूस्खलन के कारण ही शहर में इतनी तबाही हुई है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, लहर तीन मीटर (10 फीट) जितनी ऊंची पहुंच गई थी।

कहा जा रहा है कि इंडोनेशिया में बर्बरता, सीमित बजट और तकनीकी क्षति के कारण लोगों को इसकी जानकारी पहले नहीं दी गई थी।
इंडोनेशिया के सुलावेसी के पश्चिमी तट पर अक्टूबर में आई सुनामी के दौरान भी 2,000 से अधिक लोग मारे गए थे। इस बड़े मृत्यु दर का कारण भी लोगों के बीच चेतावनी की कमी बताया गया है।

इस सुनामी में कम से कम 558 घर नष्ट हो गए, जबकि नौ होटल संग 60 भोजनालय और 350 नावों को भी भारी नुकसान पहुँचाया गया है। किसी भी विदेशी के मारे जाने या घायल होने की सूचना नहीं मिली है।

इंडोनेशिया की ये हालत देख, दुनिया भर के लोग इस समय उनके लिए प्राथर्ना कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर पॉप फ्रांसिस तक ने, इंडोनेशिया के इस स्थिति पर अपनी सहानुभूति जताते हुए देशवासियों की सुरक्षा के लिए दुआ मांगी है।