बिहार में 1 अप्रैल, 2016 से नीतीश कुमार की सरकार ने पूर्ण शराबबंदी कर रखी है। अब शराब बंदी को 6 साल हो चुके है लेकिन बिहार में अभी भी अवैध रूप से शराब बिकने व पीने के मामले सामने आ रहे हैं। आपको बता दें, पटना जिला के फुलवारी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला गांव परसा बाजार के ग्रामीण निवासियों का आरोप है कि उनके पास के ही गांव मुसहरी और सिमरा में घर-घर शराब बिकती है जिसके कारण लोग शराब पी रहे हैं।
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यह समस्या न केवल नौजवानों के लिए बल्कि महिलाओं के साथ शोषण की भी वजह बन रही है। रोज़ना झगड़े होते रहते हैं, और पुलिस प्रशासन केवल दौड़ करने के लिए आती है, पीने वालों को पकड़कर छोड़ देती है। उन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। जो शराब बेच रहे हैं, उन्हें पकड़ने के बजाय छोड़ दिया जाता है।
बिहार में शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार ने नए आंकड़े ज़ारी किए हैं। आंकड़ों के मुताबिक शराबबंदी कानून के तहत जनवरी 2023 तक 7 लाख 49 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जबकि शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामलों में सजा की दर फरवरी 2023 तक 21.98 फीसदी है, और दर्ज मामलों की संख्या 5 लाख 63 हजार है जिसमें 1 लाख 24 हजार 797 मामलों का निस्तारण हो चुका है। वहीं 1 लाख 23 हजार 792 प्रकरणों में दंड दिया गया है।
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