नई दिल्ली :अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 अप्रैल यानी शनिवार को कहा है कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की मांग की है जिससे की अमेरिका में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों का इलाज संभव हो सके। ट्रंप ने व्हाइट हाउस कोरोनावायरस टास्क फोर्स ब्रीफिंग के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर हुई बात के दौरान उन्होंने अधिक से अधिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन अमेरिका भेजने के लिए कहा है। ट्रंप ने यह भी कहा, ‘मैं अपने डॉक्टर से बात करके इस दवा को लूंगा।’
इतना ही नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाकर अमेरिका को इस दवा की आपूर्ति नहीं करता है तो वह इसका जवाब दे सकते हैं।ट्रंप ने 6 अप्रैल को संवाददाताओं से कहा, ‘यह मेरे लिए चौंकाने वाला होगा क्योंकि भारत के अमेरिका के साथ अच्छे संबंध है।’ भारत से श्रीलंका और नेपाल ने भी ऐसी ही मांग की है। वहीं भारत का कहना है कि भारत निर्यात प्रतिबंध हटाने पर गौर कर रहा है। भारत के कई वर्षों तक अमेरिका से व्यापारिक लाभ उठाने की बात दोहराते हुए ट्रम्प ने कहा कि नयी दिल्ली का अमेरिका को ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ का निर्यात ना करना चौंकाने वाला होगा।ट्रंप ने कहा, ‘अगर यह उनका निर्णय हुआ तो मेरे लिए यह चौंकाने वाला होगा। उन्हें मुझे यह बताना होगा। मैंने रविवार सुबह उनसे बात की थी फोन किया था और मैनें कहा था कि हम निर्यात को अनुमति देने के आपके निर्णय का स्वागत करेंगे। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो कोई बात नहीं लेकिन यकीनन उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।’ उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों ही देश कोविड-19 संकट से निपटने में लगे हैं।
अमेरिका ने मांगी थी दवाई
इससे पहले भी अमेरिका कोरोना मरीजों के इलाज के लिए भारत से इस दवा की मांग कर चुका है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को बताया है कि उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और उनसे हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवाई देने के गुजारिश की है ताकि कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जा सके। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि फोन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है और भारत इस दवा की सप्लाई अमेरिका में सप्लाई के लिए गंभीर है। इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप यह भी बताने से नहीं झिझके कि वह खुद भी इस दवा को खाएंगे।
पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से की बात
कोरोना वायरस महामारी से पैदा हुई स्थिति से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शनिवार को विस्तृत बातचीत की। दोनों नेताओं ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने का संकल्प लिया।
मोदी ने इसके अलावा ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज पेरेज कास्टेजोन से भी कोरोना वायरस से निपटने के मुद्दे पर अलग-अलग बातचीत की मोदी ने इस बातचीत के बारे में ट्वीट कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टेलीफोन पर विस्तृत चर्चा हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी चर्चा काफी अच्छी रही और हमने कोविड-19 से निपटने में भारत-अमेरिका साझेदारी की पूरी ताकत का उपयोग करने पर सहमति व्यक्त की।’’ गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 2,78,458 मामले सामने आये हैं और 7,100 से अधिक मौतें हुई हैं। वहीं, भारत में 3,000 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं और 97 लोगों की मौतें हुई हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो से भी फोन पर बातचीत की, जिस दौरान कोरोना वायरस की महामारी से दोनों देशों द्वारा मिलकर निपटने के उपायों पर चर्चा की।
दवाई निर्यात करेगा भारत
भारत सरकार ने मलेरिया की दवा निर्यात करने का फैसला लिया है। मंगलवार को अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि भारत अपने पड़ोसी देशों समेत अन्य को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्यात करेगी। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी के अनुरूप ये फैसला लिया गया है। बता दें कि ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सबसे पुरानी और सस्ती दवा है।
इस सब के बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘भारत का रुख हमेशा से यह रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता और सहयोग दिखाना चाहिए। इसी नजरिए से हमने अन्य देशों के नागरिकों को उनके देश पहुंचाया है।’ उन्होंने इस विषय पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘वैश्विक महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनजर, यह फैसला किया गया है कि भारत अपने उन सभी पड़ोसी देशों को पेरासिटामोल और एचसीक्यू (हाइड्रोक्लोरोक्वीन) को उचित मात्रा में उपलब्ध कराएगा, जिनकी निर्भरता भारत पर है।’