दिल्ली से वाराणसी तक जाने वाली, भारत की सबसे तेज़ चलने वाली ट्रेन की शुरुआत जल्द ही की जाएगी। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि ट्रेन 18, दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली और वाराणसी के बीच ट्रेन 18 का रन-टाइम रूट पर सबसे तेज़ ट्रेन की तुलना में “एक-डेढ़ गुना” तेज होगा।
जबकि रेलवे मंत्रालय का कहना था कि उन्होंने ट्रेन के लिए दो रास्ते प्रस्तावित किए थे – दिल्ली से भोपाल तक और दिल्ली से वाराणसी तक – और आज ही इस रूट की आधिकारिक पुष्टि की गई है।
“हमने ट्रेन का सफल परीक्षण कर लिया है और अब इसके सुझावों पर भी काम किया जाएगा। बहुत जल्द यह ट्रेन राष्ट्र को समर्पित होगी जिसको लेकर हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसे हरी झंडी दिखाने का अनुरोध भी किया है। यह ट्रेन आठ घंटे में दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी”। जबकि गोयल के मुताबकि उस रास्ते पर अब तक की सबसे तेज़ चलाई जाने वाली ट्रेन का समय 11:30 घंटे बताया गया है।
हालाँकि अभी इसे चलाने के लिए कोई दिन निश्चित नहीं किया गया है। लेकिन गोयल के अनुसार इसकी सेवा जल्द ही शुरू की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार 14 जनवरी को प्रयागराज में शुरू होने वाले कुंभ मेले से ठीक पहले, ट्रेन 18 की पहली सेवा अगले सप्ताह से शुरू होगी।
इस रेलगाड़ी को गणतंत्र दिवस के आयोजन के लिए 24 जनवरी को कुंभ से प्रवासी भारतीय दिवस के लिए चार विशेष रेल में से एक होने की संभावना माना गया है।
इस ट्रेन में वर्ल्ड क्लास सुविधाएँ भी प्राप्त कराई जाएंगी: वाई-फाई से लेकर सीसीटीवी तक। ट्रेन 18 में कोई लोकोमोटिव या इंजन नहीं है। यह एक ट्रेनसेट है। गोयल का कहना है कि यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से 750 किलोमीटर का रास्ता तय करेगी।
ट्रेन 18 में दो वर्गों के कोच होंगे – एक नियमित और दूसरा कार्यकारी वर्ग। दोनों कोचों में एयर-कंडीशनर (एसी) का प्रबंध भी किया जाएगा।
ट्रेन में यात्रियों के लिए आरामदायक सुविधाएँ भी होंगी, जिनमें स्वचालित पैर रखने के साथ स्वचालित दरवाजे, जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली, जैव-वैक्यूम सिस्टम के साथ मॉड्यूलर शौचालय, दिशा में संरेखित की जा सकने वाली सीट शामिल हैं। यात्रा के (केवल कार्यकारी वर्ग में उपलब्ध), रोलर ब्लाइंड्स, विसरित एलईडी प्रकाश व्यवस्था और अलग सुलभ अनुकूल शौचालय की सुविधा भी होगी।