कान और नाक छिदवाना सिर्फ शौक नहीं बल्कि परंपरा का भी हिस्सा है, ऐसा महोबा जिले लाडपुर गांव के बुज़ुर्गों का कहना है। बसंत पंचमी के दिन खासतौर पर नाक व कान छिदवाये जाते हैं। गांव के धन कुमार ने बताया कि वह लोग हमेशा बसंत पंचमी का इंतज़ार करते हैं। वह इस दिन लड़कों के कान व लड़कियों के नाक छिदवाते हैं। बच्चे रोते हैं तो उन्हें गुड़ या कुछ मीठा खिलाते हैं।
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