खबर लहरिया Blog अमरकंटक का विकास कब और किस तरह हुआ शुरू?

अमरकंटक का विकास कब और किस तरह हुआ शुरू?

प्राचीन काल में अमरंकटक त्रिपुरी के कलचुरी शासकों के साम्राज्य के अंतर्गत था। यह बताया जाता है कि अमरकंटक का विकास गंगा देव और कर्ण के समय में हुआ था।

Tracing the origins and development of Amarkantak

                  अमरकंटक मंदिर की तस्वीर (फोटो साभार – सोशल मीडिया)

अमरकंटक को पवित्र स्थल के रूप में माना जाता है जो मनमोहक प्रकृति के बीच मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले में स्थित है। विंध्या,मैकल और सतपुरा पर्वत श्रृंख्लाओं के मिलन बिंदु पर आपको अमरकंटक वादियों के बीच मौजूद दिखाई दे जाएगा। मौजूदा जानकारी के अनुसार, नर्मदा, सोन और जोहीला नदियां इसी जगह से निकलती हैं (भट्टाचार्य 1977: 76)।

प्राचीन काल में अमरंकटक त्रिपुरी के कलचुरी शासकों के साम्राज्य के अंतर्गत था। यह बताया जाता है कि अमरकंटक का विकास गंगा देव और कर्ण के समय में हुआ था।

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बताया जाता है कि कर्ण उत्तर भारत के एक बेहद शक्तिशाली, कुशल और महान साम्राज्य के निर्माता थे। कहा गया कि ये शासक बहुत धार्मिक थे जिसका सबूत उनके द्वारा बनाये गए मंदिरों में देखा जा सकता है। यह मंदिर सुंदर कला और सजावट से भरे हुए देखे जा सकते हैं (द्विवेदी 2019)।

मौजूदा जानकारी बताती है कि वर्तमान में अमरकंटक में तीस से ज़्यादा आधुनिक और प्राचीन मंदिर हैं। हालांकि, मंदिरों के निर्माण का काम आठवीं सदी में शुरू हुआ था, लेकिन इस मंदिर के परिसर को पूरा करने का काम राजा कर्ण देव ने किया। राजा कर्ण देव ने 1043-1073 ईस्वी तक शासन किया था (पंवार 2013)।

अमरकंटक से जुड़ी अन्य जानकारियां जल्द ही आपके साथ हम यहां शेयर करेंगे।

 

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