बिहारी लोगों की पारंपरिक पोशाक में पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता और महिलाओं के लिए साड़ी होती है। इसके अलावा बिहार में पहनावे की बात करें तो और भी चीज़ें होती है जो लोग पर्व-त्योहारों में पहनना पसंद करते हैं जैसे कि उनकी पारंपरिक वेशभूषा।
आज के शो मे हम आपको बताने जा रहे है, बिहार के टॉप 5 पहनावे के बारे में…
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धोती-कुर्ता
धोती-कुर्ता बिहार में पुरुषों के प्रमुख पहनावे में से एक है। यह एक ट्रेडिशनल ड्रेस है जो धोती (लुंगी) और कुर्ता के साथ मिलकर पहना जाता है। यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है और बिहारी पुरुषों की पहचान को प्रतिष्ठित करता है।
साड़ी
साड़ी बिहार की महिलाओं के लिए प्रमुख पहनावा है। बिहारी साड़ी विशेष रूप से भारतीय साड़ी की परंपरागत डिजाइनों, बुनाई और आकर्षक रंगों के लिए प्रसिद्ध है। इसे शादी, त्योहार और सामाजिक अवसरों में पहना जाता है और इसकी विशेषता और सुंदरता बिहारी महिलाओं की पहचान को बढ़ाती है।
कुर्ता-पाजामा
बिहार के पुरुषों के लिए आम पहनावा एक पाजामा और ऊँचे गले वाले कुर्ते का सेट होता है जो त्योहारों, शादियों और अन्य सामाजिक अवसरों पर पहना जाता है।
लहठी बिहार में बनने वाली लाह की चूड़ियों का स्थानीय नाम है जिन्हें शादी शुदा महिलाएं हमेशा पहने रखती हैं। बिहार में शादीशुदा महिलाओं के बीच लाह की लहठी को काफी पसंद किया जाता है। और यह लहठी बिहार के मधुबनी जिले में सबसे ज़्यादा बनती है। लाह से बनने वाली यह लहठी रंग-बिरंगी और काफी बेहतरीन डिजाइनों में बाजार में मिल जाती है।
गमछा
गमछा का महत्व बिहार में एक प्रमुख सामाजिक पहचान और परंपरा का प्रतीक भी है। लोग इसे अपने को धूप से बचाव के लिए भी लेते है साथ ही बिहार ही नहीं बल्कि यूपी मे भी फेमस है इतना ही नहीं गमछे पर तो भोजपुरी मे कई गाने भी बना डाले है।
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