देशभर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2.75 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ है, और उत्तर प्रदेश इस पहल में नंबर वन बताया जाता है। लेकिन जमीनी हकीकत क्या है? वाराणसी जिले के हरहुआ ब्लॉक के चार गांवों—अहिरौली, गोसाईपुर और भोपापुर—की यह ग्राउंड रिपोर्ट दिखाती है कि सामुदायिक शौचालय केवल निर्माण तक सीमित रह गए हैं। कहीं पानी नहीं है, कहीं ताले जड़े हैं और कहीं स्थान ही गलत चुना गया है। परिणामस्वरूप, लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि बदलाव के दावों और ज़मीनी हकीकत के बीच अब भी एक लंबी खाई बाकी है।
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