खबर लहरिया Blog टीकमगढ़ : ट्रांसफार्मर जलने से आदिवासी अँधेरे में बिता रहे दिन

टीकमगढ़ : ट्रांसफार्मर जलने से आदिवासी अँधेरे में बिता रहे दिन

टीकमगढ़ जिले के ग्राम पंचायत में रहने वाले आदिवासी परिवार गाँव में लगे ट्रांसफार्मर जल जाने की वजह से अपना जीवन अंधेरे में बीता रहे हैं।

जला हुआ ट्रांसफार्मर

टीकमगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कांटी खास के आदिवासी बस्ती में ट्रांसफार्मर को जले हुए लगभग 15 दिन हो चुके हैं। आदिवासी परिवारों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी द्वारा जला हुआ ट्रांसफार्मर उठा लिया गया। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी दूसरा ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया है।

आदिवासी लोगों की समस्याएं

आदिवासी बस्ती के रहने वाले महेंद्र आदिवासी ने बताया कि बिजली ना होने की वजह से रातों को मच्छर काटते हैं। मलेरिया होने का खतरा बना रहता है। बच्चे-बूढ़े सभी बीमार हो रहे हैं। बिजली ना होने की वजह से कीड़े-मकोड़ों का डर बना रहता है। रात में नींद नहीं आती। वह कहते हैं कि उनकी बस्ती में रहने वाले सभी लोगों ने बिजली के बिल भी जमा कर रखे हैं। वह लोग एसडीएम, कलेक्टर और विधायक को भी समस्या के निवारण के लिए विनती कर चुके हैं। इसके बाद एक दिन के लिए लाइट आयी थी फिर नहीं आयी।

आदिवासी बस्ती

कंकु आदिवासी का कहना है कि उनके मोहल्ले में लगभग 100 परिवार रहते हैं। वह कहते हैं कि बिजली की समस्या को लेकर शिकायत करने पर उन्हें आश्वाशन दिया गया था कि जल्द से जल्द लाइट मुहैया कराई जाएगी पर कुछ नहीं हुआ।

आदिवासी महिला टुड़िया कहती हैं कि लाइट ना होने की वजह से उन्हें बहुत दिक्क्तें होती है। वह कहती हैं,’ हम लोग आदिवासी लोग हैं। बहुत सारा काम होता है। सुबह खेत को जाना पड़ता है और वहीं से लकड़ी बीन कर लाते हैं। फिर शाम को आते हैं तो अँधेरा हो जाता है। जिसकी वजह से खाना भी नहीं बना पाते। रात में सांप-बिच्छू निकलते हैं। हमारा पूरा गाँव आदिवासी बस्ती अंधेरे में डूबी है।’

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आदिवासी परिवारों की सरकार से मांग

आदिवासी लोग आरोप लगाते हुए कहते हैं कि, ‘सरकार भी गरीब लोगों को ही परेशान करती है उन्हीं से कहती है कि जल्दी बिल जमा करो। वहीं बड़ी-बड़ी जाति के लोगों के चाहें जितना भी ज्यादा बिल क्यों ना हो मगर उनके दरवाजे पर नहीं जाती है, ना ही उनसे बिल मांगती है। हम गरीब लोग हैं,मज़दूरी करके पेट पालते हैं। उसी में से हम लोगों ने बिल भी जमा किया है फिर भी अभी तक ट्रांसफार्मर नहीं रखा है। इसलिए सरकार से कहना चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी ट्रांसफार्मर रखा जाए जिससे हम लोग चैन की नींद सो सके और कीड़े-मकोड़े का भी डर दूर रहे।’

क्या कहते हैं बिजली विभाग के अधिकारी

इस मामले में खबर लहरिया ने टीकमगढ़ जिले के बिजली विभाग के अधिकारी आर्यन कटारिया से बात की। उनका कहना था कि कांटे खास ग्राम पंचायत आदिवासी बस्ती में लगभग 30-35 कनेक्शन है। वहां के लिए ट्रांसफॉर्मर भेजा गया है और चार-पांच लोग भी वहां गए हुए हैं। काम ज़ारी है, जल्दी से जल्दी लाइट मुहैया कराई जाएगी।

हमने ऐसे कई मामले कवरेज किये हैं जिसमें हमने देखा कि ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद जब भी बिजली विभाग के अधिकारीयों को उसे बदलने को कहा जाता तो इस कार्य में उन्हें महीनों लग जाते हैं। लोग महीनों तक विभाग के चक्कर काटते रह जाते हैं। कभी उन्हें आश्वाशन दे दिया जाता है तो कभी कहा जाता है कि ट्रांसफॉर्मर ही नहीं है। आने में समय लगेगा। ऐसे में टीकमगढ़ जिले के बिजली विभाग के अधिकारी यह कह तो रहे हैं कि जल्द ही बिजली दी जायेगी लेकिन कब तक? लोगों को और कितना लंबा इंतज़ार करना होगा?

इस खबर की रिपोर्टिंग रीना द्वारा की गयी है। 

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