विश्व वन्यजीव दिवस :
विश्व वन्यजीव दिवस प्रतिवर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है। 20 दिसंबर 2013 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया था। इस दिवस को जंगली जीवों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। इस दिन, 1973 में वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन को अंगीकृत किया गया था। विश्व वन्यजीव दिवस 2020 की थीम, “पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना” है।
दुनिया के कई प्रमुख संगठनों द्वारा यह दिवस मनाया जा जाता है। इसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा, CITES और अन्य क्षेत्रीय और गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं। इस दिन, वे सहयोगी साझेदारी बनाने तथा संरक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिला बांदा | यहां हर साल सर्दी के मौसम में बहुत सारे अलग-अलग सुंदर पक्षी मेहमान आते हैं| जिनको देखते ही बनता है|
लोगों का कहना है कि ये पक्षी कशमीर और साइबेरियन होते है जो नवंबर महीने से आना शुरु हो जाते हैं और मार्च तक रहते है | क्योंकि वहाँ ठंड ज्यादा होती है और पक्षी ज्यादा ठंड में नहीं रहे पाते और यहाँ उतनी ठंड भी नहीं होती और उनके खाने को भी मिलता है क्योंकि खेतों में हरियाली रहती है| इस लिए ये चार महीने यहाँ रहकर वह मंजे करते है और लोगों का भी मनोरंजन कराते है| क्योंकि यही ऐसा समय है जब इतने सारे पक्षी देखने को मिलते हैं और उनकी सुन्दलता और मनमोहक अवाज सुनते ही बनती है| इसी सुन्दरता का नजारा देखने के लिए हर साल 2 फरवरी को वन विभाग नरैनी के रक्सी बांध में वन्यजीव फैस्टिवल भी मनता है क्योंकि वहाँ पर बहुत ही पक्षी मेहमान रहते है|