महोबा जिले के रहने वाले मनमोहन सिंह बावला ने 6 फरवरी 2020 से गाय की रोटी की शुरुआत की गई है। मनमोहन सिंह बावला का कहना है कि मेरा जो गौमाता को रोटी खिलाने का उद्देश्य है
वह यह है कि चलती फिरती गाने रहते हैं वह उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है क्योंकि वह थोड़ा बहुत रोटी जैसे चपाती ही रहते हैं और जो गौशाला में गाय रहती हैं उनके लिए रोटी ना मिलना मुश्किल है मैंने यह सोचा कि ऐसा काम क्यों ना शुरू किया जाए जो कमजोर गाय और जिन गांव को रोटी और आटा नहीं मिल पाता है उनको किसी तरह से दिया जाए मैंने 10 स्थान चुने हुए हैं और गाय की रोटी के नाम से डिब्बे रखे हैं जिसमें हर जगह लोग एक एक दो दो रोटी वह डिब्बा में डालते हैं अब वही रोटियां शाम 4:00 बजे इकट्ठा करके गौशाला में पाई जाती हैं
जिससे कि कुछ खिलाई भी जाती हैं और कुछ भूसे में भी डालें कहते हैं इसमें टाइम तो कुछ नहीं लगता है बस सोचने की बात होती है हमारा 1 दिन का ही टाइम लगा था यह व्यवस्था बनाने में बाकी रिक्शा वाले को ₹100 रोज देते हैं गौशाला तक पहुंचाने के लिए इससे सभी लोग सहयोग भी कर रहे हैं कोई भी हो सकता है जो 1 दिन का खर्च रिक्शा वाले का ही सकता है और वही सिस्टम चलता भी है इतना बड़ा यह कोई बड़ी बात नहीं है हम करते हैं यह महोबा की खबर है जो अभी तक तो सभी ने सुना था कि गरीबों का भोजन करवाते थे लेकिन अब ऐसा ही गौमाता को रोटी खिलाया जा रहा है रमेश मिश्रा / कर्मचारी, नगर पालिका से इनका कहना है की ऐसी ही सैकड़ो रोटी आती है अगर गिने जाए तो सानी के साथ खिलाते है हाथो से भी खिलाया जाता है हमारा ये सहयोग रहता है की सबको एक एक रोटी मिलना चाहिए सभी वर्कर को एक डालना चाहिए इस समय गौशाला में चार सौ गाये रहती है