जिला चित्रकूट ब्लॉक रामनगर गांव बसिंघा में रहने वाला एक परिवार सूपा बनाने का काम करता है। यह काम उनके परदादा करते आ रहे हैं। परिवार का कहना है कि यह बुंदेलखंड का कल्चर भी है। गरीब हो या अमीर सब इसका इस्तेमाल करते हैं।
चावल, गेहूं आदि बीनने में सूप का उपयोग किया जाता है। खास बात यह है कि जब भी कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे सूप पर ही लेटाया जाता है। लेकिन जब से आधुनिक मशीने आईं उनकी बिक्री कम हो गयी। जिससे वह काफ़ी निराश हैं। वह कहते हैं कि जितना इसे बनाने में मेहनत लगती है उतनी आमदनी नहीं होती। पहले बुज़ुर्ग लोग खरीदते थे लेकिन आज नई-नई चीजें आ गयी हैं।
पहले तो अनाज खरीदने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती थी लेकिन आज उन्हें अनाज खरीदना पड़ता है। वह अभी भी सूप बनाते और बेचते हैं पर अब कारोबार पहले की तरह नहीं चलता।
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चित्रकूट जिले के कालूपुर गाँव में हम मिलें सूपा बनाने वालों से