धर्मेंद्र का नाम सुनते ही एक खूबसूरत, रोमांटिक एक्टर की तस्वीर सामने आ जाती है। धर्मेंद्र वो अभिनेता हैं जिसने कई दशक तक बॉलीवुड पर राज किया। हीमैन के नाम से मशहूर धर्मेंद्र 82 साल के हो चुके हैं, लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उन्हें अपना हीरो मानते हैं। धर्मेंद्र जैसे अपनी फिल्मों में मस्त मौला नजर आते हैं असल जिंदगी में भी वह कुछ वैसे ही हैं. जी हाँ आप समझ ही गए होंगे आज हम बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र के जिंदगी के कुछ अनछुए पहलू के बारे में बात करेंगे तो चलिए थोड़ा फ़िल्मी हो जाते है।
धर्मेंद्र का असली नाम धरम सिंह देओल है। उनका जन्म 8 दिसम्बर 1935 में पंजाब राज्य के कपूरथला जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम किशन सिंह देओल था और वे लुधियाना के गांव लालटन के एक स्कूल में हेडमास्टर थे।धर्मेन्द्र ने अपनी शुरुआती पढ़ाई फगवाडा के आर्य हाई स्कूल एवं रामगढ़िया स्कूल से की है। धर्मेंद्र नॆ दो बार शादी की और अपनी दोनों पत्नियों को बनाए रखा है। उनकी पहली शादी 19 साल की उम्र में प्रकाश कौर से 1954 में हुई थी। उनकी दूसरी शादी बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी के साथ हुई। असल में धर्मेन्द्र का गाँव जिला लुधिआना के अंतर्गत साहनेवाल है। जो अब कसबे का रूप ले चुका है। धर्मेन्द्र की पढ़ाई फगवाडा के आर्य हाई स्कूल एवं रामगढ़िया स्कूल में हुई। ये उनकी बुआ का शहर है। जिनका बेटा वीरेंदर पंजाबी फ़िल्मों का सुपर स्टार तथा प्रोड्यूसर डायरेक्टर था। आतंक के दौर में लुधिआना में ही फ़िल्म जट ते ज़मीन की शूटिंग के दौरान आतंकियों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी।
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स्कूल के समय से ही उन्हें फिल्मों का इतना चाव था कि फिल्म दिल्लगी जो 1949में आई थी उसे 40 से भी अधिक बार देखा था। धर्मेंद्र अक्सर क्लास में पहुँचने के बजाय सिनेमा हॉल में पहुँच जाया करते थे। वह फिल्मों में आने से पहले रेलवे में क्लर्क थे और लगभग सवा सौ रुपये की तनख्वाह पर काम करते थे। उन्होंने अपने शुरुआती दौर में फिल्मफेयर मैग्जीन न्यू टैलेंट अवॉर्ड जीता था और इसके बाद खुद के कॅरियर को चमकाने के लिए वो मुंबई आ गए।
हालांकि उनका परिवार फिल्मों के खिलाफ था, फिर भी वो यहां आए औऱ उन्हेंने 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया। धर्मेंद्र को उनकी पहली फिल्म के लिए महज 51 रुपये ही मिले थे. चूंकि वो मुंबई में नए थे और उनके पास रहने की जगह नहीं थी और पैसे भी बहुत कम थे, ऐसे में धर्मेंद्र ने गैराज में रात गुजारी थी और कई बार भूखे भी सोए थे लेकिन कहते है न कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती और इनके साथ भी ऐसा ही हुआ आखिरकार वो दिन आ ही गया जब धर्मेंद्र को वो शोहरत और पहचान मिल गई, जिसके लिए वो मुंबई आए थे. साल 1965 में धर्मेंद्र की 6 फिल्में आईं, जिसमें से फिल्म हकीकत और ‘फूल और पत्थर’ ने उन्हें एक नया नाम दे दिया जो था ‘ही मैन’ और वो रातों रात स्टार बन गए।
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कामयाबी मिलने के बाद भी उन्हें घमंड नहीं था. धर्मेन्द्र अपने स्टंट दृश्य बिना डुप्लीकेट की सहायता के स्वयं ही करते थे। धर्मेंद्र ने चिनप्पा देवर की फिल्म मां में एक चीते के साथ सही में फाइट किया था। धर्मेंद्र ने अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर कई पुरस्कार प्राप्त किया है। उन्हे फिल्मफेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा वह भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से भी सम्मानित किये जा चुके हैं।
फ़िल्मी करियर की तरह उनकी असल ज़िंदगी भी काफी एक्साइटिंग थी। कहते है उस समय की ट्रेजरी क्वीन मीणा कुमारी इन पर दिलोजान से फ़िदा थी। पर धमेंद्र की ड्रीम गर्ल तो कोई और ही थी। कहते है जब उनके प्यार के किस्से धर्मेंद्र की पत्नी को पता चली तो वो काफी नाराज़ हुई और तलाक देने से भी मना कर दिया। लेकिन हेमा के लिए धर्मेंद्र ने हर हद पार करने की ठान रखी थी. हेमा के परिवार की रजामंदी से उन्होंने मुस्लिम धर्म कुबूल किया और फिर हेमा से दूसरी शादी कर ली। वैसे इनके बारे में जितनी बाते करूँ कम है पर सबसे जरुरी समय का ध्यान देना है जो हमने बहुत ले लिया है तो आज के लिए सिर्फ इतना ही मिलते है अगले एपिसोड में किसी और किस्से के साथ तब तक के लिए नमस्कार।
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