एम सूरज जोकि, छत्तीसगढ़ के नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष हैं, बताते हैं कि जंगल व वन्यजीवों के संतुलन के लिए बाघ Apex Predator/अपेक्स प्रिडेटर के रूप में काम करता है, मतलब वह अन्य जानवरों को कण्ट्रोल करने का काम करता है। बाघ यहां पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाने की भूमिका में रहता है।
अगर जंगल में बाघ नहीं होगा तो भालू,तेंदुआ,चीता इत्यादि जैसे मांसाहारी जानवर बढ़ेंगे। जहां बाघ नहीं होते वहां हम यह देखते हैं कि वहां हाथी और तेंदुओं की संख्या बढ़ती है जिससे वह जंगल से बाहर निकलते हैं और लोगों को चोट पहुंचते हैं। वहीं जहां बाघ होते हैं, वहां संख्या काबू में रहती है।
रिपोर्ट व लेखन - संध्या, इलस्ट्रेशन - ज्योत्स्ना
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