अयोध्या जैसे धर्म नगरी में मौत का तांडव देखिये जासूस या जनर्लिस्ट में
नमस्कार दोस्तों मैं हूं गीता लेकर आई हूं अपना सो जासूस या जनरलिस्ट।
दोस्तों आज मैं आपको अयोध्या जैसी फेमस जगह की दो ऐसी कहानियां बताऊंगी जिनको सुनकर आप दंग रहे जाएंगे जबकि लोग कहते हैं कि ये धर्म नगरी यहा जाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं लेकिन यहां तो इसका उल्टा ही नजारा देखने को मिल रहा है क्योंकि इस फेमस जगह में मई के महीने में 1 हफ्ते के अंदर दो ऐसे मामले सामने आए जिनको सुनते ही मेरे तो रोमटे खड़े हो गये है।
अयोध्या जिले में जमीनी विवाद के चलते मई के महीने में दो ऐसी घटनाएं सामने आई जिनको सुनते ही बना जहां एक तरफ बछड़ा सुलतानपुर निवासी अमित मौर्य ने जमीनी विवाद के चलते पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने पर ट्रेन से कटकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया और आत्महत्या करने के पहले वीडियो भी वायरल हुआ वहीं दूसरी तरफ मिल्कीपुर के एक परिवार के 5 लोगों के हत्या का मामला जमीनी विवाद के चलते सामने आया जिससे पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया तो क्या आप भी सुनना और जानना चाहेंगे इन घटनाओं के पीछे का कारण तो आइए सुनते हैं|
मृतक अमित मौर्य के भाई दीपक मौर्य का कहना है कि उनका चचेरे भाइयों रामू उजागीर और राम जी से रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था| जिसके चलते उनके ऊपर मुकदमा किया गया उनका नल लेट्रिन बाथरूम सब तोड़ दिया गया था| प्रधानमंत्री आवास कॉलोनी भी बनने वाली थी उसको भी जबरदस्ती रोक दिया गया।
उनके ऊपर बहुत ही अन्याय हुआ है लेकिन पुलिस प्रशासन ने सुनवाई नहीं की चौकी प्रभारी से लेकर कोतवाल तक उन लोगों की नहीं सुनी और उनका सब कुछ तोड़ दिया गया| हम पर बहुत प्रेशर डाला जा रहा था इसीलिए20 मई को भाई ने ट्रेन से कट कर आत्महत्या कर ली इसलिए वह चाहते हैं कि जिस तरह से उनके भाई ने प्रेशर में आकर आत्महत्या की है उस तरह उस मामले से जुड़े विपक्षी और प्रशासन जो कार्यवाही नहीं कर रही थी उनके ऊपर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए और भाई को न्याय मिलना चाहिए।
दूसरी घटना अयोध्या जिले के बरिया निशा रूप गांव की है| जहां पर 23 मई को जमीनी विवाद के चलते एक ही परिवार के 5 लोगों के धारदार हथियार से हत्या करने का मामला सामने आया| मृतक राकेश कुमार प्रजापति के साले कुश कुमार के अनुसार इनायत नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बरिया निशारू गांव में राकेश कुमार प्रजापति की उम्र करीब 35 वर्ष तथा उनका भांजा पवन अपनी मां शेषमता, पिता रामराज एवं पत्नी ममता के साथ एक ही मकान में रहते थे। पवन अपनी नानी भानमती की संपत्ति में हिस्सा चाह रहा था। इसी बात को लेकर मामा भांजे में विवाद भी चल रहा था।
बीते 23 मई की देर रात ननिहाल में नानी की जायदाद में बराबर हिस्सा न मिलने को लेकर मामा भांजे के बीच कहासुनी हुई इसे नाराज भांजे पवन कुमार ने अपने मामा राकेश कुमार प्रजापति के समूचे परिवार को ही रास्ते से हटा लेने की ठान ली और देर रात उसने एक धारदार हथियार से सबसे पहले बर्तन साफ कर रही मामी ज्योति पर तगड़ा वार कर उनका गला रेत दिया इसके बाद उसने उनकी 11 वर्षीय बेटी अंशिका तथा दो मासूम बेटों शक्ति उम्र करीब 8 वर्ष तथा ध्रुव उम्र करीब 4 वर्ष की भी गला रेतकर हत्या कर दिया। भांजे ने मासूम बच्चों पर इस कदर धारदार हथियार से वार किया कि उनके हाथ पैर तक अलग हो गए थे।
इसके बाद बौखलाए भांजे ने अपनी पत्नी ममता के मोबाइल से फोन कर मामा राकेश कुमार जो कि गांव में किसी के दरवाजे पर बैठे थे उसको बुला लिया की जल्दी आओ मामी हमारे परिवार से लड़ झगड़ रही हैं इन्हें समझाओ। भांजे द्वारा फोन पर हुई बातचीत के बाद राकेश कुमार अपने दरवाजे पहुंचा और वह जैसे ही घर के अंदर पघुस रहा था कि दरवाजे की आड़ में छिपे खडे उसके भांजे पवन कुमार ने राकेश के ऊपर धार दार हथियार से घातक वार कर दिया और वह जमीन पर गिर पड़ा फिर क्या देखते ही देखते उसने अपने मामा की भी हत्या कर दी।
कोविड से जुड़ी जानकारी के लिए ( यहां ) क्लिक करें।