बरसात बुंदेलखंड में पानी के अलावा बहुत बेहतरीन सब्ज़ियां भी लाती है। तो आज हम सावन में बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों के गरीब समुदायों के घर बनने वाली कुछ खास देसी सब्ज़ियों की बात करेंगे। बुंदेलखंड के गांवों में ये सब्जियां न सिर्फ स्वाद में ज़बरदस्त होती हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं। हमें ये समझना होगा कि ये सिर्फ़ सब्जियाँ नहीं हैं ये हमारी विरासत हैं- बुंदेलियों की अगर हम इन सब्ज़ियों को भूल गए या पकाना छोड़ दिया तो हम अपना कल्चर और बुंदेली विरासत भूल जाएंगे. ज़रूरत है कि हम ग्रामीण इलाकों के खाने की संस्कृति को समझें, उस पर बात करें, और उसकी कद्र करें। गरीब समुदायों के खानपान के इतिहास को दर्ज करना ज़रूरी है क्यूंकि वो उनका इतिहास बताती है। ये दिखता है की कैसे बेहद गरीबी में जीते हुए इन समुदायों ने अपनी एक अलग खाने की संस्कृति और व्यंजन विकसित किए।
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