मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले तहसील लिधौरा में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला सामने आया था। जिसे लेकर हिंदू संगठन द्वारा भगवत राम मंदिर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। घटना के आरोपियों को वीरवार, 7 जनवरी की रात को पुलिस द्वारा गिरफ़्तार करने के बाद संगठन द्वारा धरने को खत्म कर दिया गया है।
पूरी घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को मौके पर दे दी गयी थी। साथ ही मंदिर के पुजारी के पिता दुर्गा प्रसाद विदुआ के द्वारा 3 जनवरी को लिधौरी थाना में मामले की रिपोर्ट लिखवाई गयी थी। पुलिस ने धारा 295, 153 ए, 505 के तहत मामले की रिपोर्ट दर्ज़ की थी।
अगले दिन पता चली मूर्ति टूटने की बात
पूरा मामला शनिवार, 2 जनवरी का है। गांव के स्थानीय निवासी दिनेश शंभु अग्रवाल का कहना है कि 2 जनवरी को कुछ अज्ञात लोग श्री 1008 भगवत राम मंदिर में घुस गए और मंदिर में स्थापित मूर्ति को खंडित कर दिया। जिसे लोगों द्वारा उनकी धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का कार्य कहा जा रहा है।
लिधौरा गांव के भागवत राम मंदिर के पुजारी दिनेश बिधुंवा ने बताया कि जब वह रविवार, 3 जनवरी की सुबह मंदिर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि भगवान हनुमान और भगवान राम की मूर्ति टूटी हुई थी।
घटना के आरोपी गिरफ्तार
लिधौरी के थाना प्रभारी हिमांशु भिंडिया ने बताया कि वीरवार, 7 जनवरी की रात को उन्होंने मिली गुप्त सूचना के अनुसार मंदिर में मूर्तियों के विखंडन करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पहला आरोपी गांव कनोरा थाना निवाडी का रहने वाला 30 साल का रामकिशोर विश्वकर्मा है और दूसरा आरोपी लिधौरा मोहल्ले में रहने वाला 28 साल का यूनिस खान है। दोनों आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना ज़ुर्म कबूल किया।
घटना को अंजाम देने की वजह
पुलिस के अनुसार मामले के मुख्य आरोपी रामकिशोर विश्वकर्मा ने बताया कि शनिवार की रात को उसने और उसके साथी यूनिस ने गांजा पिया। नशे में यूनिस ने रामकिशोर को बताया कि मंदिर की मूर्तियों में उसने पैसे छुपाकर रखें है। जिसे सुनकर रामकिशोर पैसे निकालने के लिए घर से लोहे की रॉड लेकर आया। तकरीबन रात के 12:30 बजे दोनों ने मंदिर में घुसकर मूर्तियां और गुम्बद तोड़े। लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। फिर दोनों मंदिर के साथ मे लगे पेड़ की मदद से मंदिर से बाहर कूद गए लेकिन इसमें यूनिस का गमछा मंदिर की छत पर ही छूट गया। रामकिशोर ने लोहे की रॉड और अपने सिंदूर लगे कपड़ों को छिपाकर रख दिया। घटना के बाद यूनिस बहाना करके टीकमगढ़ की ओर निकल गया।
पुलिस को जब छानबीन में रामकिशोर के घर से सिंदूर लगे कपड़े और लोहे की रॉड बरामद हुई तो दोंनो को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार दोनों आरोपियों को गांजा पीने की लत थी और पैसों की कमी होने की वजह से दोनों ने मूर्तियों को तोड़ने का काम किया। फिलहाल, पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों को न्यायालय के सामने पेश किया गया है।