उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। गोरखपुर पुलिस का कहना है कि लव-जिहाद के नाम पर हत्या के इस संदिग्ध हादसे में, एक महिला को उसके परिवार के सदस्यों ने दूसरे धर्म के लड़के से प्रेम सम्बन्ध होने के कारण जिंदा जला दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, पुलिस इस मामले में अब तक महिला के पिता, भाई, बहनोई और एक अन्य आदमी को गिरफ्तार कर चुकी है।
मुस्लिम युवक के साथ प्रेम-प्रसंग से नाखुश था परिवार-
पुलिस के अनुसार, लड़की के परिवार ने वरुण तिवारी नाम के एक शख्स को डेढ़ लाख रूपए दिए थे, और उसके बदले लड़की को जान से मरने का सौदा किया था। बता दें कि ऐसा माना जा रहा है कि उस महिला का एक मुस्लिम समुदाय के लड़के के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिससे उसके घरवाले बहुत नाखुश थे। और इसी के कारण उन लोगों ने महिला की ज़िन्दगी ख़तम करने का फैसला किया।
बरामद हुआ है युवती का आधा जला हुआ शव-
संत कबीर नगर के पुलिस अधीक्षक, डॉ. कौस्तुभ ने रविवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में उल्लेख किया, “4 फरवरी को धनघटा पुलिस थाने की सीमा के पास ग्राम जिगिना में एक युवती का आधा जला हुआ शव मिला है।” स्थानीय पुलिस, सीसीटीवी फुटेज और फील्ड यूनिट की मदद से यह शव ढूंढा गया। साथ ही उन्होंने बताया कि शव की पहचान गोरखपुर के बेलघाट इलाके में रहने वाली रंजना यादव के रूप में हुई है।
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युवती के शव के साथ-साथ हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए पेट्रोल के डब्बे और एक मोटरसाइकिल को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।
युवती के पिता कैलाश यादव, भाई अजीत यादव, बहनोई सत्यप्रकाश यादव और एक अन्य आदमी सीताराम यादव को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी हत्यारे वरुण तिवारी की तलाश अभी भी चल रही है, और पुलिस का कहना है कि उसको भी जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
डेढ़ लाख रूपए देकर रची जान से मारने की साज़िश-
मृतक महिला के पिता ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी का एक मुस्लिम युवक के साथ प्रेम सम्बन्ध था। कई बार उसे समझाने की कोशिश की गई कि उस लड़के को छोड़ दे परन्तु वह नहीं मानी जिसके बाद पिता, भाई, और बहनोई ने उसकी जान लेने की साजिश रची और महुली छेत्र के एक युवक को डेढ़ लाख की घूंस देकर अपनी बेटी को ज़िंदा जलाने का फैसला किया।
पुलिस के कहना है कि 3 फरवरी को सारे आरोपियों में से एक आदमी युवती को बेहला-फुसला कर मोटरसाइकिल पर जिगिना गाँव लेकर गया, वहां बाकी सारे आरोपी पहले से मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर ज़बरदस्ती युवती के हाथ, पैर बाँध दिए और मुंह में कपडा ठूंस दिया। उसके बाद इन दरिंदों ने उसके ऊपर पेट्रोल डाला और आग लगा दी। जिसके तुरंत बाद सभी आरोपी वहां से भाग खड़े हुए।
लोगों को ज़रुरत है हर किस्म के प्यार को स्वीकारने की-
जैसा कि हमने सुना है कि बीते कुछ सालों में लव-जिहाद के नाम पर हत्या के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। पूरे देश में सबसे ज़्यादा ऐसे मामले उत्तर प्रदेश में ही देखने को मिले हैं। यहाँ हर दुसरे-तीसरे महीने एक ऐसी वारदात सामने आती है, जहाँ धर्म के परे प्यार को परिवार वाले स्वीकार करने में असक्षम हो जाते हैं, और या तो वे अपने ही बच्चे को मार डालते हैं या फिर जिससे उसका प्रेम प्रसंग होता है उसे मरवा देते हैं।
समाज को प्यार के आड़े आने का बस एक बहाना चाहिए। कभी वे समलैंगिकता के नाम पर ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं तो कभी धर्म के नाम पर। 21वीं सदी में हम अभी भी उस मानसिकता से जूझ रहे हैं जिसे हमें दशकों पहले पीछे छोड़ देना चाहिए था।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हत्याओं का तीसरा सबसे बड़ा मकसद प्यार है। और जब यह प्यार दूसरे धर्म का होता है, तो शायद उसे और खतरनाक और निरर्थक माना जाता है। देश भर के कई मुख्य संगठन और मीडिया संस्थानों ने समाज की इस खोखली और रूढ़िवादी सोच का इलाज करने की कोशिश की है पर शायद अब लव-जिहाद और पितृसत्ता से भरी लोगों की मानसिकता इतनी ज़्यादा वृद्धि ले चुकी है कि इसे रोकना नामुमकिन हो चूका है। हमें ज़रुरत है कि हम एकजुट होकर ऐसे क्रूर मानसिकता के लोगों से लड़ें और उन्हें “प्यार” शब्द का अर्थ समझाएं। क्यूंकि प्यार धर्म और जाति देख कर नहीं बल्कि भावनाएं देख कर होता है।
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इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।