उत्तर प्रदेश के ताजनगरी आगरा से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां पर एक निजी अस्पताल में गरीब रिक्शाचालक डिलीवरी का बिल नहीं चुका पाया तो भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ने नवजात बच्चे को एक लाख में बिकवा दिया। आसपास पड़ोस के लोगों की सलाह पर पति-पत्नी जिला प्रशासन के पास पहुंचे और आरोपी डॉक्टर की शिकायत की।
बताया जा रहा है कि अस्पताल में डिलीवरी का बिल 30 हजार रुपये था। जिसे चुकाने में दंपति ने असमर्थता जताई थी। तो डॉक्टर ने बच्चे की बोली ही लगवा दी। लेकिन खबर वायरल होते देख आरोपी डॉक्टर दिलीप मंगल ने बच्चे को उसकी माँ को वापस कर दिया है।
प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर पर बच्चे का सौदा करने का आरोप
मोतीमहल के शंभुनगर निवासी रिक्शा चालक शिवचरण ने बताया कि वो अपनी प्रेग्नेंट पत्नी बबिता को लेकर निजी अस्पताल पहुंचा था। जहां डॉक्टर ने डिलीवरी के बाद 30 हजार का बिल थमा दिया। जेब में सिर्फ 500 रुपए थे और आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने की वजह से अस्पताल की फीस नहीं जुटा पाए। आरोप है कि डॉक्टर ने कहा कि पैसे नहीं हैं तो बदले में अपना बेटा देना पड़ेगा।
डॉक्टर ने प्रसव की कीमत के बदले बेटा ले लिया और कुछ पैसे देकर कागजों पर अंगूठा लगवाकर बच्चा अपने रिश्तेदार को बेच दिया। जैसे ही नवजात के बिकने की खबर वायरल हुई आरोपी दिलीप मंगल ने बच्चे को गरीब दंपत्ति को वापस कर दिया। अपने मासूम बच्चे को खोद में देख दंपत्ति की आंखें भर आईं। प्रशासन ने इस मामले में एक्शन लेते हुए क्लीनिक को सील कर दिया है।
गरीबी का उठाया फायदा
समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शंभू नगर में रहने वाले शिवनारायण रिक्शा चलाते हैं। लॉकडाउन में उनका काम बंद हो गया था। कर्ज चुकाने के लिए उन्होंने अपना घर तक बेच दिया था। 24 अगस्त को शंभू की पत्नी बबीता को प्रसव पीड़ा हुई। उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला ने बेटे को जन्म दिया। लेकिन अस्पताल ने 35 हजार रुपयों का बिल थाम दिया।
गरीब दंपति इस चुकाने में असर्मथ था उसने हाथ पैर जोड़ते हुए 500 रुपये होने की बात कही, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। डॉक्टर ने इस गरीब दंपति को डराया धमकाया और जबरन एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया। जिसके बाद डॉक्टर ने बच्चे का सौदा एक लाख रुपये में किया और शंभू और उसकी पत्नी को कुछ पैसे देकर भगा दिया।
अस्पताल हुआ सील
सीएमओ डॉक्टर आरसी पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी एन प्रभु सिंह के निर्देश के बाद निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल को सील कर दिया गया है। नवजात बच्चे को बेचने जाने की सूचना मिली है। इसकी जांच पुलिस करेगी।