तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में 22 तारीख की रात पिता-पुत्र की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। तमिलनाडु की सरकार ने तूतीकोरिन जिले में पिता-पुत्र की मौत के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्णय किया है। दोनों की मौत कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न के कारण हुई थी। यह बात रविवार को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने स्वीकारा है। इस घटना से पूरे देश में गुस्से का माहौल पैदा हो गया है जिसके बाद दो उपनिरीक्षकों सहित चार पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि पी जयराज और फेनिक्स को 19 जून को तूतीकोरिन में उनके मोबाइल फोन की दुकान से गिरफ्तार किया गया था। तमिलनाडु में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शाम 7 बजे के बाद दुकानें बंद करने का आदेश है। इन दोनों पर आरोप था कि निर्धारित समय से ज्यादा देर तक दुकान खुली होने की सूचना मिलने पर पुलिस आई और दोनों को पकड़कर थाने ले गई। इसके दो दिन बाद अस्पताल में दोनों की मौत हो गई थी।
मृतकों के घरवालों का कहना है कि कस्टडी में दोनों के साथ भयंकर मारपीट हुई और यहां तक कि यौन प्रताड़ना भी दी गई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। परिजन 20 जून को हिरासत में रखे गए पिता-पुत्र से मिलने पहुंचे तो पुलिस ने इसकी इजाजत तक नहीं दी। इंतजार कराने के बाद उनसे अस्पताल जाने के लिए गाड़ी का बंदोबस्त करने को कहा गया। जब गाड़ी आकर दोनों को अस्पताल ले जा रही थी तो भी वे पुलिसवालों से घिरे हुए थे। उनकी झलक से ये दिख सका कि दोनों के ही कपड़े खून से सने हुए थे। तमिलनाडु के जयराज और उनके बेटे फेनिक्स की कहानी ने देशभर को बड़ा झटका दिया है।
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Police brutality needs to stopped pic.twitter.com/vbuqzhXcaT— fangirl_sonali07 (@sonalirout131) June 24, 2020
तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में पिता-पुत्र की कस्टडी में मौत का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि एक और ऐसा ही केस सामने आया है। तेनकाशी जिले में 25 वर्षीय ऑटोरिक्शा ड्राइवर को पुलिस ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई है। आरोप है कि 48 दिन पहले दो पुलिसवालों ने युवक को लातों और घूसों से पीटा, जिसके कारण उसने दम तोड़ दिया।