महाकुंभ 2025: जहां एक ओर महाकुंभ की भव्य तैयारी जोर-शोर से हो रही है, वहीं दूसरी ओर तमसा नदी, जो कभी शुद्ध जल और सांस्कृतिक महत्व की प्रतीक थी, आज नगर क्षेत्र के गंदे नाले और कचरे के कारण प्रदूषण का शिकार बन गई है। 14 जनवरी को पहला प्रमुख स्नान हुआ जिसमें करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई पर नदी का क्या हुआ?
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