सरकार ने जब से हर काम मे आधार कार्ड लागू कर दिया है। तब से लोग परेशान हो गए है। आधार कार्ड में छोटी सी गलती की वजह छात्र छात्राओं को भारी मुशीबतों का सामना करना पड़ रहा है। तो आइए जानते है छात्राओं से की किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रोहित ने बताया कि हम बिलबई गाँव के रहने वाले हैं। बीएससी की पढ़ाई करते है। आधार कार्ड में जन्मतिथि गलत होने की वजह से हमारा स्कॉलरशिप का फॉर्म नही भर पा रहे है।
राजकुमार ने बताया कि मैं मकरबई गाँव से हु, इस साल बीए करना है। आधारकार्ड में मोबाइल नम्बर जोडवना है। 5 दिन से लगातार आ रहे है। पर कुछ नही हो रहा है। अगर आधारकार्ड सही नही हुआ तो स्कॉलरशिप का फॉर्म नही भर पाएंगे। हमारे मम्मी पापा मजदूरी करते है। रजनी ने बताया कि मुझे 11 में पढ़ना है।
हमारे आधार कार्ड में रजनी है और रजनी वर्मा करवाना है। हम बैंक आते है तो 300 रूपये मांगते है। मम्मी पापा मजदूरी का काम करते है। अगर हमारा स्कॉलरशिप का फॉर्म नही भर पाए तो हमारी पढ़ाई बंद हो जाएगी। नीतू ने बताया कि मैं कुलपहाड़ के आगे भटेवरा गाँव से आती हु। 4 दिन से भटक रहे है। रोज कल कहके वापस कर देते है। इतनी दूर होने की वजह सुबह 10 बजे नही आ पाते है तो कहते है कि डेट निकल गई है।
हमारी पढ़ाई भी बन्द हो सकती है। अग्रणी बैंक के मुख्य प्रबंधक आशीष विवेक ने बताया कि जिले में 11 बैंक है जहां पर आधार कार्ड बन रहे है। छत्राओ की वजह से थोड़ी प्रोबलम हो रही है। इसके लिए हम डीएम साहब से बात करेंगे। अगर होगा तो हम कस्बा एरिया में कैम्प लगा सकते है।
जिससे बच्चों की समस्या खत्म हो सके। इलाहाबाद बैंक में आधारकार्ड बनाने वाले स्वेब ने बताया कि ओरिजनल मार्कसीट की मांग इसलिए की जाती है क्योंकि उसको स्कैन करना पड़ता है। हम किसी से कोई रूपये नही लेते है, लोग खुद अपने सोर्स सिपारिस लगाते है। दिनभर में हम लोग 20 से 25 आधारकार्ड बना पाते है। लोग डेढ़ सौ आ जाते है। इसलिए लाइन लगाकर नंबर से बनाते है।
हमारे यहां लोग सुबह 10 बजे से आते है, हम लोगो को पर्ची में लिखकर तारीख देते है कि कब बनेगा। उसी दिन लोग आ जाएं उनका आधारकार्ड बन जायेगा। महोबा लोकल के लोग तो आते ही है, साथ ही पनवाड़ी, चरखारी के भी आते है। हम क्या करें, जितना होता है हम आधारकार्ड बनाने की पूरी कोशिश करते है।