जिला चित्रकूट ब्लाक मानिकपुर गांव रूखमाबुजुर्ग के आस पास गांव के लोग डिग्री कालेज के मांग कर रहे है। यहा के लडकिया कक्षा आठ या दस तक पढाई करके छोड देती है। स्कूल न होने कारण ज्यादातर आदवासी परिवार के लडकी आठ तक पढी हुई है। इसके बाद मन भी रहता है पर नही पढ पाती इस क्षेत्र मे लगभग बीस गांव लगे हुये है। आगे की पढाई जब करना होता है तो तीस किलो मीटर कर्वी या मानिकपुर जाना पडता है। पूरा जंगल की रास्ताइस कारण से आगे की पढाई बच्ची नही पढ पाती है। दिन भर मे दो बार बार बाहन चले है सुबह शाम हम लोग मजदूर या लकडी बेच के पेट रोटी चलाते है।
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आने जाने का साढ रूपिया लगता है रोज कहा तक दे पायेगे किराया भारा इस कारण से हमारे आदवासी परिवार मे सिर्फ आठ पांच तक लडकी पढी है इससे आगे कोई भी बच्ची नही पढी है आठ पांच की पढाई पढने से क्या फायदा होता है। जैसे हम लोग मजदूरी लकडी बेजते है उसी तरह बच्ची भी काम करने करनज लगती है दूसरी बात सायानी बच्ची कैसे जंगल के रास्ते भेजू आज का जावाना बहुत खराब है हर दिन दलित परिवारों मे रेप आपहर होता है इस करण से अनपढ ठीक है।
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पर इस तरह के घटना नही ठीक है गांव स्कूल हो जाये जो सभी लडकी आगे पढ सके यहा सौ प्रतिशत मे बीस प्रतिशत लडकी पढे है। नही तो लोग अनपढ है चुनाव के समय सही नेता नगरी वादा करते है। यहा स्कूल के व्यास्था करवायेगे पर जीतने के बाद कोई झाकने तक नही आता की गांव मे क्या समास्या है। कई बार सभी गांव के लोग संसद विधायक को लिखित दिये पर कोई ध्यान नही देते है। मऊ मानिकपुर विधायक अनन्द शुक्ला का कहा है की हमारा प्रयास जारी है मानिकपुर क्षेत्र के लिए कई बार विधानसभा सभा मे आवाज भी उठाये है। मानिकपुर क्षेत्र विद्यालय बनना जरूरी है वहा 62 ग्राम पंचायत है सभी गांव जंगल मे बसे है। हम बहुत जल्द प्रयास करेगे विद्यालय के लिए।