जिला महोबा के कुलपहाड़ तहसील अंतर्गत थाना कोतवाली कुलपहाड़ के गांव सिरमोर में रहने वाले गया प्रसाद यादव (उम्र लगभग 65 वर्ष), जो पढ़ाई-लिखाई नहीं कर पाए, उनका कहना है कि उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। पहले वह खेतों में हल चलाते थे और किसानी करते थे। लोग उनसे मनोरंजन के लिए गाने की फरमाइश करते थे। इसी तरह से, गाना उनकी आदत बन गई और अब चाहे कोई हो या न हो, वे अकेले में भी गाते हैं।
गांव में जब भी कोई कार्यक्रम होता है, सबसे पहले उन्हें बुलाया जाता है। चाहे वह जान-पहचान वाले हों या बिरादरी के लोग, सभी उन्हें “गया प्रसाद पंडित जी” के नाम से जानते हैं, हालांकि वे खुद को गया प्रसाद यादव कहते हैं।
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