जिला अयोध्या में 15 जुलाई को समाजवादी पार्टी ने ज़िले की तहसील पर धरना प्रदर्शन किया। बांदा में भी 15 जुलाई को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज राष्ट्रीय अध्यक्ष के अहवाहन पर तहसील बांदा में बढ़ती महंगाई आदि को लेकर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख के चुनाव के दौरान भाजपा राज में जमकर गुंडागर्दी और लोकतंत्र की हत्या हुई। 8 जुलाई 2021 को प्रमुख पद के नामांकन के समय विपक्ष के प्रत्याशी के समर्थकों ने एक महिला और एक पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडे के साथ धक्का-मुक्की कर उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की। वहीँ ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान लखीमपुर खीरी में एक महिला प्रत्याशी के विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कपड़े फाड़ दिए थे। इन घटनाओं से ये साफ़ जाहिर होता है कि भारत में अब स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव के नाम पर क्या होता है। इन सभी घटनाओं को मद्देनज़र रखते हुए जिला अयोध्या में 15 जुलाई को समाजवादी पार्टी ने ज़िले की तहसील पर धरना प्रदर्शन किया।
“चुनावों के नाम पर हो रही धांधलेबाजी”-
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक गोसाईगंज विधानसभा के अभय सिंह का कहना है कि यूपी पंचायती चुनाव में जिस तरह से तानाशाही और दबंगई की गई, वो लोकतंत्र में आज तक नहीं हुआ है। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान पुलिस कर्मियों ने लोगों से ज़बरदस्ती वोट डलवाये और सपा समर्थकों को पोलिंग बूथ से बाहर कर दिया। उनका कहना है कि विपक्ष पार्टी हर हाल में सपा को हराना चाहती है लेकिन यह समाजवादी पार्टी की हार नहीं है, यह आम जनता की हार है, छात्र-छात्राओं मजदूरों और युवाओं की हार है।
अभय सिंह का कहना है कि चुनावों के दौरान समर्थकों के साथ-साथ पत्रकारों की भी पिटाई की गई जिससे यह पता चलता है कि विपक्षी पत्रकारों को सही खबर दुनिया के सामने लाने से रोकना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत सदस्य बीडीसी चुनाव के दौरान किसानों और मज़दूरों से ज़बरदस्ती एक पार्टी को वोट डलवाया गया और उनकी आवाज़ दबाई गयी। उनका मानना है कि आने वाले विधान सभा चुनावों में समाजवादी पार्टी 300 से ज्यादा सीट लेकर यूपी में सरकार बनाएगी और प्रदेश के लोगों का विकास करेगी।
कार्यकर्ताओं की ये हैं मांगें-
धरना प्रदर्शन में मौजूद लोगों की मांगें हैं कि किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) की गारंटी दी जाए। इसके साथ ही प्रदेश में किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान जो कि 15 हज़ार करोड़ रुपए है, वो तत्काल दिया जाना चाहिए। लोगों की यह भी मांग है कि किसानों के ऊपर जो नया कृषि कानून ज़बरदस्ती थोपा जा रहा है, उसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
बढ़ती महंगाई पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, खाद, बीज, कीटनाशक, दवाई, कृषि यंत्र इत्यादि पर रोक लगाई जाए और बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिया जाए। उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं।
धरना प्रदर्शन करने आए समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने यह भी मांग की है कि सपा के कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज करना तत्काल बंद होना चाहिए तथा उनके उत्पीड़न पर भी रोक लगाई जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे संगठित अपराध को अविलंब बंद किया जाए।
उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त कराया जाए। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में हुई धांधली और हिंसा की जांच कराई जानी चाहिए और जांच में दोषी पाए गए लोगों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही कराई जानी चाहिए, इसके साथ ही पुनर्मतदान भी कराया जाना चाहिए। पत्रकारों के ऊपर लगातार हो रहे हमले और हत्याओं पर रोक लगाई जानी चाहिए। दलित वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहाअत्याचार बंद होना चाहिए। पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27% आरक्षण में कटौती बंद होनी चाहिए।
बांदा में भी सपा कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन-
उधर बांदा में कल यानी 15 जुलाई को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज राष्ट्रीय अध्यक्ष के अहवाहन पर तहसील बांदा में बढ़ती महंगाई आदि को लेकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष आखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारी के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को 16 सूत्रीय ज्ञापन भी भेजा। बता दें कि यहाँ भारी पुलिस बल के साथ सैकड़ों की संख्या में सपा कार्यकर्ता सदर तहसील पहुंचे, और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए सपा कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए पूरे प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल यहाँ मौजूद रहा।
धरना प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की कुछ मांगों ये हैं- बढ़ती महंगाई, बिगड़ी कानून व्यवस्था, जिला पंचायत में धांधली, पत्रकारों के ऊपर हो रहे हमले व हत्याओं पर रोक लगनी चाहिए। बेरोजगार नवजवानों को रोजगार दिया जाना चाहिए। महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और अपराध पर अंकुश लगाया जाए। उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए। किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए। दलित वर्गों व अल्पसंख्यक पर हो रहे अत्याचार बंद होना चाहिए। (रिपोर्ट – पूरन राय बांदा)
धरना प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं की मांगों की सूची तो काफी लंबी है, लेकिन इन लोगों के द्वारा की जारी सभी मांगें उचित मानी जा रही हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में बी जे पी सरकार इनमें से कितनी मांगों को पूरा करने के लिए कदम उठाती है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए कुमकुम द्वारा रिपोर्ट किया गया है।
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