बिहार में प्रसिद्ध सोनपुर मेले की शुरुआत हो चुकी है। यह मेला एशिया का सबसे प्रसिद्ध पशु मेला है। पटना से महज 25 किलोमीटर दूर सारण जिले के सोनपुर में सोनपुर मेला लगता है। इस मेले को ‘हरिहर क्षेत्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता है। यह मेला दो नदियों (गंगा और गंडक) के संगम पर आयोजित किया जाता है। पशुओं के व्यापार के लिए प्राचीन काल से यह मेला प्रसिद्ध है। इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, थिएटर शो, कपड़ों का बाजार, झूले और अनगिनत ऐसी चीजें हैं जो लोगों को अपनी और आकर्षित करती हैं। यह मेला 13 नवंबर से लेकर 14 दिसम्बर तक चलेगा।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा के साथ मंत्री, विधायक ने बुधवार 13 नवंबर 2024 को संयुक्त रूप से दीप जलाकर कर इस मेले का उद्घाटन किया। मेले में सुरक्षा के लिए 3700 जवानों को एक महीने तक तैनात किया गया है। इस मेले में इस बार लोगों को बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा। 16 नवंबर को प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने भी इस मेले में अपनी मधुर आवाज से लोगों का दिल जीता।
सोनपुर मेले का इतिहास
सोनपुर मेले की शुरुआत कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान के बाद से मानी जाती है। माना जाता है कि एक समय में इस पशु मेले में मध्य एशिया के व्यापारी आया करते थे। यह मेला युद्ध में लड़े जाने वाले हाथियों (जंगी हाथियों) का सबसे बड़ा केंद्र था। सोनपुर मेला बिहार के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मेला है। यह मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) में लगता हैं। स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला कहते हैं। इस मेले का अपना एक इतिहास है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “2000 वर्षों से यहां मेला लगता है, यह अपने आप में ऐतिहासिक है। जैसा कि लोग कहते हैं यहां चंद्रगुप्त मौर्य आए, अकबर आए और इलाके के वीर स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह भी यहां घोड़ा खरीदने आते थे। उस जमाने में जानवरों का मेला लगता था। यह ऐतिहासिक जगह हमारा धार्मिक स्थान है।”
व्यापरियों के लिए कमाने का अच्छा मौका
इस मेले में लोगों को काफी उम्मीद होती है कि वे इस मेले से अच्छी खासी कमाई कर लें। जानवर विक्रेताओं को भी इस मेले का काफी इंतजार रहता है जानवरों की बिक्री होने से उन्हें काफी फायदा होता है। इस मेले में कई नस्ल के जानवर महंगे दामों में बिकते हैं, जिन्हें पालतू जानवरों का शौक होता है वे इन्हें बड़े शौक से खरीदते भी हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 32 दिनों तक चलने वाले सोनपुर मेले में इस बार 100 करोड़ से भी अधिक के कारोबार की उम्मीद जतायी जा रही है।
मेले में दूर-दराज से आते हैं लोग
इस मेले को देखने के लिए देशभर और बिहार के अलग-अलग जिलों से लोग आते हैं। इस मेले में भारी संख्या में लोग आते हैं और इस मेले का लुफ्त उठाते हैं। यहां लोगों के खान-पान से लेकर हर तरह की चीजें यहां मिलती है। पिछले साल खबर लहरिया द्वारा रिपोर्ट की गई इस वीडियो में आप देख सकते हैं।
इस बार क्या है खास?
मेले में पहली बार फिश टनल, चार वैष्णों देवी धाम का नजारा भी देखने को मिलेगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की नस्ल की बकरियों की भी खरीदारी कर सकेंगे। कलाकारों की प्रस्तुति का आयोजना भी इस बार किया गया है। मेले में पर्यटन विभाग, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा रोजाना सांस्कृतिक पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आप देख सकते हैं। बिहार से जुड़े हस्तकला कलाकृतियां आप देख सकते हैं। सोनपुर मेला 2024 में तारीख 17,18,19 नवंबर को निर्धारित कलाकारों की प्रस्तुति को आप जाकर देख सकते हैं।
https://x.com/Saran_dm/status/1857846215544811679
सोनपुर मेले में किसानों के लिए खास
सोनपुर मेले में कृषि प्रदर्शनी भी होती है जिसमें किसानों से जुड़ी वैज्ञानिक खेती की जानकारी दी जा रही है। इस बार आयुर्वेदिक औषधीय पौधों की बिक्री, फल और फूल के पौधों की बिक्री, तरह तरह के सबिजयों के बीज, गाय-भैंसे की बिक्री, खेती से जुड़े सामान भी यहां बिकते नजर आते हैं। इस मेले में जानवरों से संबंधित सजावट का समान भी मिलता है।
देसी और विदेशी लोगों के लिए फेमिली टूर पैकेज
इस बार बिहार पर्यटन की तरह से पर्यटकों के लिए फेमिली टूर पैकेज (एक रात व दो दिन) तैयार किया गया है। पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पर्यटन ग्राम में अत्याधुनिक सुविधा वाले 6 कॉटेज का इंतजाम किया गया है। 3000रुपए प्रति दिन देसी और 5000 रुपए प्रति विदेशी पर्यटकों के लिए रखा गया है। फैमली टूर पैकेज में 6000 रुपये (दो व्यक्ति तथा दो बच्चे) देने होंगे। इसके साथ ही पटना से सोनपुर जाने के लिए स्पेशल टूर पैकेज भी उपलब्ध है। इससे जुड़ी जानकारी के लिए आप बिहार राज्य की सरकारी वेबसाइट www.bstdc.bihar.gov.in पर देख सकते हैं।
बिहार पर्यटन ने इससे संबधित जानकारी सोशल मीडिया X पर पोस्ट के माध्यम से भी दी है।
https://x.com/TourismBiharGov/status/1856614019068489797?t=kJMtAxr2bfICKxORhkCqOQ&s=19
सोनपुर मेले का लोगों को इंतजार
इस मेले के प्रसिद्ध होने के कारण लोगों को इस मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह मेला किसी के लिए मनोंरजन का साधन है तो किसी के लिए उम्मीद। एक ऐसी उम्मीद जो उनके लिए एक मौका लेकर आती है जहां वह पैसा कमा सकें और अपने परिवार को खुशियों दे सकें।
पहले के मेले से अब के मेले में बदलाव
लोगों का कहना है कि अब ये मेला पहले से बहुत बदल गया है। इस मेले में बहुत से जानवर लुप्त हो गए हैं अब यहां पहले जैसे जानवर देखने को नहीं मिलते हैं। ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार, पहले यहां पर पशु-पक्षियों का भी मेला लगता था लेकिन 2003 में पक्षियों की बिक्री पर रोक लगा दी गयी। इस रोक के बाद मेले में उस तरह के जानवर देखने को नहीं मिलते हैं। यह बस बाकी मेले जैसा बनकर रह गया।
सोनपुर मेले को देखने और इसके बारे में जानने को लोग बहुत उत्सुक होते हैं। इस मेले का इंतजार केवल बिहारवासियों को नहीं होता बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को होता है। यह मेला अपने आप में बहुत सारा इतिहास, संस्कृति और भी बहुत सी खूबियां लिए हुए हैं। हालाँकि पहले जैसे रौनक नहीं रही इस मेले में, जो पहले के समय में हुआ करती थी फिर भी यहां लाखों की भीड़ देखने को मिलती है।
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