खबर लहरिया Blog बेसहारा का सहारा बना एक परिवार, दी इंसानियत की मिसाल

बेसहारा का सहारा बना एक परिवार, दी इंसानियत की मिसाल

बचपन से काफी दुःख सहने के बाद सुनैना को आखिरकार ऐसा जीवन साथी मिलने वाला है जो उसका शादी से पहले भी काफी ख्याल रखता है। आने वाले मार्च में उनकी शादी है।

social media love, support and humanity

                                सोशल मीडिया के प्यार को दर्शाती हुई सांकेतिक तस्वीर ( साभार – disruptive)

आज के युग में, जहां लोगों के बीच विश्वास कमजोर हो रहा है और प्यार में धोखा आम बात हो गई है, एक ऐसे परिवार की कहानी है जो इंसानियत और प्यार की मिसाल बना है। यह कहानी कानपुर की रहने वाली सुनैना की है, जिनके जीवन में कई परिस्थितियों ने उसे बेहतर बना दिया।

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जब लोग कहते, पैदा होते ही मां को खा गई…

सुनैना बताती हैं उनकी मां उन्हें जन्म देते ही इस दुनिया को छोड़कर चली गई। तबसे सुनैना की नानी ने सुनैना को पाला है। पिता कभी-कभी मिलने आते थे लेकिन चार साल बाद उनका भी साया सिर से छिन गया। सुनैना के लिए उनकी नानी ही सब कुछ हैं, पढ़ाना-लिखाना, खाना खर्चा सब कुछ वही देखती थी।

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सोशल मीडिया से हुआ प्यार

सुनैना बताती हैं की उन्हें स्मार्टफोन चाहिए था और वह इस जिद में पूरे दिन खाना नहीं खाई। दूसरे दिन उनकी नानी ने उन्हें फोन दिलाया। फोन का ऐसा बुखार की पूरी रात जागकर ऐप्स डाउनलोड किए। फेसबुक आईडी बनाई और देर किस बात की जहां चेहरा देखते ही फ्रेंड रिक्वेस्ट आने लगे वही तो है फेसबुक। इनके पास भी फ्रेन्ड रिक्वेस्ट आने लगी। कुछ को अनदेखा कुछ से बातें शुरू हुई। एक नौजवान जो नेवी में काम करता था उससे क्लोजली बातें होने लगी। धीरे-धीरे नंबर एक्सचेंज हुए। व्हाट्सएप पर बातें शुरू हुई, सुख-दुःख सारे दर्द आप उसी से शेयर होते। एक दिन ऐसा आया की उस युवक ने सुनैना को प्रपोज किया। धीरे-धीरे प्यार बढ़ता गया, सुनैना छुप-छुप के उससे मिलती रही। मौका देखकर अपनी नानी से बात करती लेकिन तब तक नानी की अचानक तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने भी सुनैना का साथ छोड़ दिया। वह सुनैना और इस दुनिया को अलविदा कह गई।

बॉयफ्रेंड संग जगी है शादी की उम्मीद

बचपन से काफी दुःख सहने के बाद सुनैना को आखिरकार ऐसा जीवन साथी मिलने वाला है जो उसका शादी से पहले भी काफी ख्याल रखता है। आने वाले मार्च में उनकी शादी है। पूरा खर्च ससुराल पक्ष उठा रहा है। समाज में दहेज लोभियों और प्यार के दुश्मनों के लिए प्रेरणा है। जहां समाज लालच में बेटियों की कद्र नहीं करता, गरीब-परिवार की बेटी की शादियां दहेज की वजह से जल्दी नहीं होती हैं। वहीं यह परिवार पिछले 6 साल से पूरा खर्च उठा रहा है।

इस खबर की रिपोर्टिंग नाज़नी रिज़वी द्वारा की गई है। 

 

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