खबर लहरिया Hindi Bihar SIR: मतदाता सूची में नाम शामिल करने और हटाने के लिए अब तक 1.95 लाख से अधिक व्यक्तियों ने की मांग, लगभग 25,000 का निपटारा

Bihar SIR: मतदाता सूची में नाम शामिल करने और हटाने के लिए अब तक 1.95 लाख से अधिक व्यक्तियों ने की मांग, लगभग 25,000 का निपटारा

बिहार की मसौदा मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने के लिए अब तक 1.95 लाख से ज़्यादा लोगों की माँगें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से लगभग 25,000 का निपटारा कर दिया गया है। इसकी जानकारी चुनाव आयोग ने कल गुरुवार 28 अगस्त 2025 को दी।

बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रकिया की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: द हिन्दू)

 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सामने आया कि भाकपा (माले)-लिबरेशन ने 79 और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 3 याचिकाएँ दायर की हैं। भाजपा और कांग्रेस सहित किसी भी राष्ट्रीय दल ने अभी तक दावा या आपत्ति नहीं की है।

दावे और संशोधन के लिए आवेदन की अंतिम तारीख

मसौदा मतदाता सूची में सुधार की अंतिम तारीख 1 सितम्बर 2025 हैं। इसमें दावे और संशोधन के लिए आवेदन करने के लिए अब सिर्फ 4 दिन बाकी हैं।

लगभग 3 लाख मतदाताओं के दस्तावेजों में विसंगतियां

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) ने अब तक लगभग 3 लाख मतदाताओं के दस्तावेजों में विसंगतियां पाई हैं। मतदाताओं को सात दिनों के भीतर उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।

आपको बता दें चुनाव आयोग 1 अगस्त को मसौदा (ड्राफ्ट) मतदाता सूची प्रकाशित की थी। इसमें लगभग 7.24 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल थे। मतदाता सूची को लेकर भी वोट चोरी और फर्जी मतदाता को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को बिहार में 7.89 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से 65 लाख के नाम मसौदा सूची से हटा गए नामों को प्रकाशित करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने आदेश का पालन करते हुए चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नामों की सूची की जानकारी अपलोड की थी।

ईसीआई ने रविवार (24 अगस्त) को रेखांकित किया था कि दावे और आपत्तियों की अवधि मतदाताओं को न केवल मसौदा रोल में गलतियों को सुधारने का अवसर देती है, बल्कि अपने आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत करने का अवसर देती है, जो उन्होंने अपने गणना फॉर्म जमा करते समय प्रदान नहीं किए होंगे।

सर्वोच्च न्यायालय का मतदाता सूची में दस्तावेज को लेकर आदेश

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने अब निर्वाचन प्राधिकारियों से कहा है कि वे मतदाता सूची में नाम शामिल कराने वाले लोगों से आधार या सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज स्वीकार करें।

भारत के निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि वह बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए उस पर भरोसा जताए।

 

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