Samarth Scheme: समर्थ योजना के अंतर्गत 55 दिवसीय कार्यक्रम में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें महोबा जिले की 30 महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य महिलाओं के हुनर को निखारते हुए उन्हें रोज़गार के अवसर प्रदान करना है। महिलाओं का कहना है कि यह पहली बार है कि हम इस काम को देख रहे हैं और इसमें शामिल हो रहे हैं। अब हम “शंकर जी की पिंडी” का काम कर रहे हैं और सीख रहे हैं। जब हम यह कौशल सीख लेंगे, तो हम अपने घरों में भी इस काम को कर पाएंगे।
ये भी देखें – चित्रकूट: सहभागिता योजना (तमसा योजना) क्यों नहीं है किसान खुश?
“गौरव पत्थर” नाम से देश-विदेश में प्रसिद्ध है, लेकिन कुछ ही लोग ही इस काम को करते थे। अब एक नई पीढ़ी आ रही है और उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से, जो लोग इस काम को नहीं जानते थे, उन्हें इसका तरीका सिखाया जा रहा है। कुल मिलाकर, हमारे प्रशिक्षण से हमें अच्छे कौशल सीखने का मौका मिल रहा है और सरकार द्वारा सीखने वालों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इस प्रकार, यह न केवल खुद के लिए बल्कि अपने गांव और देश के लिए भी फायदेमंद होगा ।
ये भी देखें – वनवासियों के लिए चलाई गई ‘एकलव्य शिक्षा विकास योजना’
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’