भारत में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इससे बचने के लिए सरकार हर स्तर पर कोशिश कर रही है। देशभर में लॉकडाउन किया जा चुका है। इस बीच अपने घरों तक पहुंचने के लिए हजारों लोग इस वक्त देश की सड़कों पर हैं। 29 मार्च को दिल्ली से बरेली पहुंचे लोगों पर प्रशासन द्वारा सैनिटाइजर से छिड़काव का मामला सामने आया है।
बताया जा रहा है की इन लोगों को पहले पुलिस ने सड़क पर बैठा दिया। इसके बाद इन पर सैनिटाइजर का छिड़काव करने की बात कहने लगे। गरीबों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वहां क्या हो रहा है। उनके साथ पुलिस वाले और नगर निगम की टीम क्या करने वाले हैं। कुछ तो लोग डर के मारे वहां बैठ गए कि कहीं पुलिस उन्हें गिरफ्तार ना कर ले। बाद में कुछ सिपाही इनके पास आए और कहा कि अपनी आंखें बंद कर लो।
दर्जनों गरीब मजदूरों जिसमे छोटे बच्चे और महिलाएं शामिल थी। उन्होंने अपनी आंखें बंद की और सड़क पर बैठ गए। कुछ बच्चों और युवकों ने अपनी आंखें खोल रखी थी। कुछ ही पल बीते की दमकल की गाड़ी से उनके ऊपर सोडियम हाइड्रोक्लोराइड के घोल की बारिश कर दी। तेज फुहार के बीच यह सभी लोग नहाने लगे। थोड़ी देर बाद इन्हें दूसरी ओर मुड़कर बैठने को कहा गया। दोबारा उन पर सैनिटाइजर की बारिश कर दी। जिससे वह सराबोर हो गये। इस दौरान कुछ लड़कों की आंखों में पानी चला गया। जिससे उनकी आंखों में तेज जलन शुरू हो गई। आंखें लाल हो गई और वह दर्द से चीखने चिल्लाने लगे।
मजदूरों की तवियत बिगड़ी तो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिस पर संज्ञान लेते हुए डीएम नीतीश कुमार ने बताया कि इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इस वीडियो की पड़ताल की गई, प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। https://t.co/y8TmuCNyu5
— DM Bareilly (@dmbareilly) March 30, 2020
वहीं इस मामले पर को विपक्षी पार्टियों ने भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है। साथ ही यूपी पुलिस की निंदा भी की है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा जी ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको सैनिटाइजर कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।’
यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए।
मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे। pic.twitter.com/ftovaFHR5q
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 30, 2020
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है मजदूरों पर पुलिस उत्पीड़न का आरोप लगते हुए उत्तर-प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि देश में जारी जबरदस्त लॉकडाउन के दौरान जन उपेक्षा और जुल्म जयादती की अनेको तस्वीरें मीडिया में आम हैं, परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी क बरेली में कीटनाशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानवीयता है। जिसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है सरकार इसपर तुरंत ध्यान दे।
1. देश में जारी जबर्दस्त लाॅकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरन्त ध्यान दे।
— Mayawati (@Mayawati) March 30, 2020
गरीबों के दम पर बनी सरकार ये भूल गई है कि ये वही लोग हैं जिन्हें कुर्सी दिलवाई है इस तरह की ज्यादती तो कोई पशुओं के साथ भी नहीं करेग। गरीबों पर किये गए इस अमानवीय घटना ने योगी सरकार के द्वारा किये जा रहे सभी दावों की पोल खोलकर रख दी है। साथ ही सरकार की वो सारी तैयारियां भी फेल नजर आ रही हैं जिनके बारे में दावे किए जा रहे थे कि कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए सरकार तैयार है। क्या यही है उनकी तैयारी? जहाँ गरीब मजदूरों को खून के आंसू रुलाया गया है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले पर कार्यवाई करनी चाहिए और बीमार लोगों का सही ढंग से इलाज हो जिससे मजदूरों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले।