जिला महोबा ब्लाक कबराई तहसील महोबा कोतवाली महोबा गांव छिकहरा जहा की रहने वाली प्रियंका प्रजापति है आपने बचपना का सपना पुरा की है कहती हैं मैंने जब 6साल की थी ताब से मुझे गने को शोक था मैं अपने मन में गुन गुनातीथी और जो पानी भरने वाले डेब्बे में बजाकर आप ना सपना पुरा की है आकसवाडी से मिला प्रमणपत्र इतना हि नहीं है अलग अलग जागे से भी अपने गयान से अपनी पहचान बनई है रेडियो में भी आता था गाय गाया हुआ गाना। इन साल से गाने मैं अलग-अलग जगह जाती हूं जिससे मुझे अच्छा भी लगता है मैं गायन से भी अपना नाम ऊंचा करना चाहता हूं कि मुझे हर लोग जाने यह मेरा सपना था यह सपना में प्रयास में लगी हूं अभी मैं आकाशवाणी से सम्मानित हुए हैं 2 साल पहले और अलग-अलग जगह से भी सम्मानित होती रहती हैं मैंने गाने का काम लगभग चार पांच साल पहले सीखने का काम किया था जिसे 3 साल हो गए हैं मुझे सीखे हुए जब मैं मंच में जाती थी पहले तो एक झिझक होती थी अब तो अच्छा ही लगता है कि कब मेरा नाम बुलाया जाए मेरे घर वालों को हर तरह से सपोर्ट था इस वजह से मैं आगे निकल पाई है गाने पर बजाने वाले अगर घर वालों को सपोर्ट ना मिलता तो नहीं निकल पाते आपकी स्क्रिप्ट अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस जो 21 फरवरी को है उसपर है