श्याम रंगीला ने बुधवार, 1 मई को अपने सोशल मीडिया पर लोकसभा 2024 के लिए वाराणसी से पीएम मोदी के विपक्ष में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। वाराणसी में 1 जून को सातवें व अंतिम चरण में चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 13 मई को वाराणसी सीट से अपना नामांकन दाखिल करने की खबर है।
श्याम रंगीला, पेशे से कॉमेडियन और अब पीएम मोदी के सामने लड़ने वाले उम्मीदवार हैं…. जिसका नाम मशहूर होने की शुरुआत भी रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम मोदी की मिमिक्री यानी नकल करने से शुरू हुई थी। वाराणसी जिले से लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ यह उम्मीदवार स्वतन्त्र रूप से चुनावी मैदान में हैं।
रंगीला ने बुधवार, 1 मई को अपने सोशल मीडिया पर लोकसभा 2024 के लिए वाराणसी से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। घोषणा के बारे में उनके द्वारा X पर पोस्ट की गई वीडियो में देखा जा सकता है।
वाराणसी मैं आ रहा हूँ…#ShyamRangeelaForVaranasi pic.twitter.com/8BOFx4nnjn
— Shyam Rangeela (@ShyamRangeela) May 1, 2024
वाराणसी में 1 जून को सातवें व अंतिम चरण में चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 13 मई को वाराणसी सीट से अपना नामांकन दाखिल करने की खबर है। बता दें, 2014 और 2019 में दो बार पीएम मोदी इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं।
नामांकन भरने के लिए पैसे नहीं – रंगीला
द स्टेट्समैन को दिए अपने एक इंटरव्यू में रंगीला ने कहा, उनके पास नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए 25,000 रुपये की अनिवार्य फीस नहीं है लेकिन उन्हें यह पूरा विश्वास है कि वह क्राउडफंडिंग (लोगों के ज़रिये पैसे इकठ्ठा करना) के ज़रिये ये पैसे जुटा लेंगे।
बता दें, रंगीला के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 263 K फोल्लोवेर्स हैं।
अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आज से दो दिन पहले रंगीला ने अपनी एक वीडियो शेयर की, जिसके कैप्शन में लिखा था, “लगता है मेरा भी मोदी जी से काफ़ी पुराना नाता रहा है।”
वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मोदी जी तो अलग ही तरह से खेल रहे हैं। वो बात करते हैं 2024 में 2027 की। दो-तीन दिन पहले तो उन्होंने कमाल ही कर दिया। बंगाल में गए चुनाव सभा में, बोले भाइयों-बहनों या तो बंगाल में मैं पिछले जन्म में पैदा हुआ था या मैं अगले जन्म में पैदा होऊंगा।”
चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ क्यों?
इंटरव्यू के एक सवाल में जहां उनसे पूछा गया कि उन्होंने पीएम मोदी के विपरीत चुनाव लड़ने के बारे में क्यों सोचा?
इसके जवाब में उन्होंने कहा,“सूरत और इंदौर में प्रतियोगियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो सीटें निर्विरोध मिल गईं। अब भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 398 सीटें (400 पार) जीतने का दावा कर रहा है। इसलिए, मैंने सोचा कि अगर वाराणसी में ऐसा हुआ, तो मोदीजी को सर्वसम्मति से निर्वाचित घोषित कर दिया जाएगा… जो मुझे पसंद नहीं है। मैं यह चुनाव जरूर लड़ूंगा और दौड़ से पीछे नहीं हटूंगा।’
आगे उन्होंने दावा करते हुए कहा, “मैं विपक्षी प्रतियोगियों की तरह ईडी, सीबीआई या आईटी जैसी किसी भी जांच एजेंसी से नहीं डरता, जो डर जाते हैं, अपना नामांकन वापस ले लेते हैं और भाजपा में शामिल हो जाते हैं। मेरे पास कोई पैसा नहीं है, इसलिए मैं इन केंद्रीय जांच एजेंसियों से नहीं डरता।”
बता दें कि रंगीला एक समय पर आम आदमी पार्टी का भी हिस्सा रह चुके हैं। अपनी बात को आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा,“मेरा पहला काम मिमिक्री के जरिए कॉमेडी करना और फिर राजनीति करना था। यह सच नहीं है, क्योंकि आजकल राजनेता अपने भाषणों और रैलियों में स्टैंडअप कॉमेडियन की तुलना में अधिक कॉमेडी कर रहे हैं। इस तरह मैंने पाया कि राजनीति में कॉमेडी या मिमिक्री की अधिक गुंजाइश है।”
क्या है श्याम रंगीला की पहचान?
रिपोर्ट्स के अनुसार, 29 वर्षीय श्याम रंगीला का जन्म राजस्थान के एक गांव में हुआ। एनिमेशन में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। रंगीला अपनी मिमिक्री के लिए मशहूर है वह भी राजनैतिक हस्तियों की। उन्हें सबसे पहले एक टीवी शो ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ में एक कॉमेडियन के तौर पर देखा गया था।
2017 में सबसे पहले रंगीला का नाम लोगों ने जाना, वह भी तब जब उन्होंने पीएम मोदी की मिमिक्री कर वीडियो शेयर की। वीडियो लोगों में काफी लोकप्रिय भी हुई। इसके बाद से रंगीला पीएम मोदी के भाषणों व इंटरव्यू की नकल कर वीडियो बनाने लगे।
पीएम मोदी के अलावा रंगीला ने राहुल गांधी जैसे अन्य राजनीतिक लोगों की भी मिमिक्री वीडियो बनाये हैं।
‘फैन था पीएम मोदी का’- श्याम रंगीला
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “मैं 2016-17 तक भी एक भक्त (प्रशंसक) था, लेकिन फिर मुझ पर प्रतिबंध लगा दिए गए।”
द स्टेट्समैन को दिए अपने हालिया इंटरव्यू में भी रंगीला ने कहा, ”मुझमें पीएम मोदी की भाषा, अभिव्यक्ति और तौर-तरीकों की नकल करने की प्रतिभा है। मैं 2014 से ही उनकी नकल कर रहा हूं जब वह प्रधानमंत्री चुने गए थे। मैं तो अडवाणीजी की भी नकल करता हूँ।”
वाराणसी की सीट वीआईपी सीट है जिसकी एक वजह वहां से पीएम मोदी का चुनाव लड़ना भी है। कांग्रेस ने इस सीट से यूपी के इकाई के प्रमुख अजय राय को पीएम के विपक्ष में उतारा है। 2014 व व 2019 में यह लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से दूसरे स्थान पर रहे थे। अन्य उम्मीदवारों में ट्रांसजेंडर महामंडलेश्वर हेमांगी सखी भी उत्तर प्रदेश की हाई-प्रोफाइल सीट से उम्मीदवार हैं।
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