सिवनी जिले में कई किसान टमाटर की खेती कर रहें हैं। हर किसान का खेती करने का तरीका अलग होता है। छपारा ब्लॉक, ग्राम पंचायत सेहजपुरी के किसान लोकवन चंद्रवंशी ने भी अपने खेतों में टमाटर की फसल लगाई हुई है।
वह बताते हैं, पहले तो टमाटर को रोपा जाता है जिसे कहीं-कहीं पर ‘बेल’ भी कहा जाता है। रोपा तैयार करने के बाद खेतों में पट्टा बनाकर टमाटर को रोप दिया जाता है। जब टमाटर उगने लगते हैं तो दोनों साइड से सहारे के लिए उनके आस-पास डंडे काटकर लगा दिए जाते हैं और उसे रस्सी से बांध दिया जाता है। कई किसान सहारे के लिए तार का भी इस्तेमाल करते हैं ताकि टमाटर की लंबाई भी बड़े और वह नीचे न गिरे। इससे उत्पादन अधिक होता है और सब्ज़ियां भी खराब नहीं होती।
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3 महीने में सब्ज़ियां लगने लगती हैं। किसान लागत से दोगुना कमा लेते हैं। कभी-कभी मंडी के दाम पर भी निर्भर करता है कि किसान को फायदा मिल पाता है या नहीं। अच्छा भाव मिल जाता है तो ठीक। अगर रेट गिर जाता है तो फिर कम दाम में बिकता है।
किसान ने बताया कि परिवार के चार-पांच लोग मिलकर टमाटर की खेती करते हैं। सब एक-साथ मिलकर काम करते हैं तभी टमाटर की खेती में फायदा हो पाता है।
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