खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट एक साल बाद क्या खुल पायेगा कृष्ण कुमार की मौत का राज? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट

एक साल बाद क्या खुल पायेगा कृष्ण कुमार की मौत का राज? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट

एक साल बाद क्या खुल पायेगा कृष्ण कुमार की मौत का राज ?

दोस्त सामाजिक मानसिकता और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से बहुत सी घटनाओं को पोस्टमार्टम कराने के बाद भी बिना छानबीन और जांच के ऐसे ही दफना दिया जाता है| लेकिन जब पैरवी करने वाला अच्छा हो तो केस खुलना तो तय ही होता हैं और फिर शमशान से भी उस शव  को निकालकर दुबरा पोस्टमार्टम कराया जाता है| यह कोई नई घटना नहीं है ऐसी घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं तो ऐसा ही एक मामला लेकर मैं आई हूं इस बार आप के सामन तो बने रहिए इस पूरे वीडियो को देखने के लिए मेरे साथ जासूस या जनरलिस्ट

मामला अयोध्या जिले के हैदरगंज थाना अंतर्गत आने वाले कोरोराघवपुर गांव का है| यहां के रहने वाले दलित करिया ऊर्फ कृष्ण कुमार पासी की 1 साल पहले हुई मौत के रहस्य का पर्दाफाश करने के लिए मृतक के भाई विश्राम सरोज की शिकायत और मांग पर दफनाए गए शव को मार्च 2021 में अनुसूचित जनजाति  आयोग अध्यक्ष के आदेश पर अयोध्या की जिला प्रशासन ने डॉक्टरों की मौजूदगी में  शमशान से खुदवाकर रिपोस्टमार्टम कराने के लिए भेजा| इसके लिए आयोग के सहायक निदेशक तरुण खन्ना ने एक पत्र भी जारी किया था| मामले में शव खुदाकर दोबारा पोस्टमार्टम कराने के आदेश की बात सुनते ही गांव की सियासत पुनः गर्म गई, तो क्या आप भी सुनना और जानना चाहेंगे इस घटना के पीछे का कारण कि आखिरकार इस घटना के पीछे ऐसा कौन रहय है जिसने प्रशासन को शमशान से शव खुदा कर  दोबारा पोस्टमार्टम कराने के लिए मजबूर कर दिया, तो आइए सुनते हैं|

 विश्राम सरोज ने यह नहीं बताया कि जब उनकी कही पर सुनवाई नहीं हुई तब उसने 22 मार्च 2020 को अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटया  लेकिन उसी दौरान लाकडाउन लग गया  फिर जैसे ही लाक डाउन खुला शव को खुदा कर दुबरा  पोस्टमार्डम कराने का देश बन गया जिससे उसकी उम्मीद जगी कि अब उसके मृतक भाई को हो सकता है न्याय मिलेगा|  क्योंकि 6 मार्च 2021 को शव  खुदाई करके रिपोस्टमार्डम के लिए भेजने के लिये पुलिस  कस्टडी में दिया गया था| पर अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं दी गई अधिकारियों से पूछने पर यह कह दिया जाता है कि लाइव में भेज दिया गया है अब यह बड़े स्तर का काम है| इस लिए उसे संदेह है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रिपोर्ट में फेर बदल न कर दिया गया हो तभी तो कुछ पता नही चल रहा|

 इस मामले में जब हमने और लोगों से भी गहराई से जानना चाहा की शव की खुदाई क्यों हो रही थी तो इस बात को लेकर काफी हलचल थी गांव में बहुत ज्यादा गहमागहमी का माहौल था लोग तरह-तरह की कानाफूसी और बातें कर रहे थे लोगों का कहना था कि यह घटना जानबूझकर की गई है जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है वह बहुत ही अलग किस्म के लोग हैं आए दिन इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं और उस दिन भी उसके साथ बहुत ज्यादा मारपीट हुई थी तभी उसकी मौत भी हुई है| लेकिन यह प्रशासन की लापरवाही थी जो इतने दिन न्याय नहीं दिला पाई अच्छा हुआ कि आज ऊपर से आदेश आया और दोबारा से खुदा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है, ताकि कम से कम उसे न्याय तो मिलेगा और अगर यही प्रक्रिया और कढ़ाई प्रशासन ने पहले की होती तो शायद आज यह नौबत नहीं आती| लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से ही ऐसे व्यक्तियों के हौसले बुलंद होते रहते हैं ऐसे लोगों को तो कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि दोबारा ऐसे व्यक्ति इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने से डरे

हैदरगंज थाना पुलिस के मुताबिक मृतक के भाई की तहरीर पर अपराध संख्या 28/2020 धारा 504,304 तथा दलित एक्ट का मुकदमा पंजीकृत किया गया था| पीड़ित परिवार ने पुलिस महा निरीक्षक को मांग पत्र सौंप कर पूर्व में ही आदेश का अनुपालन कराए जाने की मांग की थी|  पीएम रिपोर्ट अभी आई नहीं है आएगी तो मिल्कीपुर चौकी इंचार्ज के पास जाएगी और वही इस केस की विवेचना भी कर रहे हैं| बाकी का काम अदालत का है|

 अब सवाल ये उठता है कि जहां पर मृतक परिवार 1 साल से न्याय के लिए भटक रहा था और उसे थोड़ी सी आस देखी वह भी   जब उसने अनुसूचित जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया तो क्या यह आप उसकी बरकरार रहेगी उसे न्याय मिलेगा यह जो अभी भी उसके अंदर संदेह है वही सच साबित होगा|

 तो दोस्तो यह थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी अगली बार फिर मिलूंगी किसी नए मुद्दे के साथ तब तक के लिए बने रहिए  यह पूरा वीडियो देखने के लिए मेरे साथ और हां दोस्तों अगर हमारा चैनल सब्सक्राइब नहीं किया तो प्लीज अभी ही कर लीजिए और लाइक करिए कमेंट करिए और हां अपने दोस्तों के साथ शेयर करना बिल्कुल मत बोलिए गा ताकि हमारा हर शो आप तक पहुंच सके तब तक के लिए दीजिए इजाजत नमस्कार