दुश्मन मिले हज़ार पर मतलबी यार न मिले ,बैठा रहूं कुंवारा पर छिनार मेहरारू न मिले – ऐसे शब्द बोले गए हैं ज्योति मौर्या के लिए। दोस्तों ज्योति मौर्या की वायरल वीडियो तो अब तक आपने देख ही ली होगी। आपमें से कई लोगों ने ज्योति मौर्या के खिलाफ लिखा भी दिया होगा। हो सकता है अपने घर में अपनी औरतिया को ताना भी दे रहे होंगे।
कहते हैं ज्योति मौर्या का पति अलोक मौर्या सरकारी सफाई कर्मी है और उसने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य को एसडीएम बनने की पूरी पढ़ाई करवाई और जब उसकी नौकरी लग गई तो उसने किसी और से दोस्ती कर ली। इतनी सी बात में समाज में आग लग गई है। सारे मर्द अपने कलेजे की भड़ास निकाल रहे हैं। सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हो रही ज्योति के खिलाफ खूब मीम,रील और गाने बन रहे हैं।
वायरल खबरों में पढ़ा कि 135 महिलाएं जो एसडीएम पोस्ट की पढ़ाई कर रही थी उनके पति ने उन्हें वापस घर बुला लिया है। बात ये भी हो रही है कि अब औरतों को पढ़ाना ही नहीं चाहिए। अब ये बताइए भाइयों ज्योति ने सिर्फ प्यार ही तो किया है कोई अपराध नहीं किया है। अपनी इच्छा के हिसाब से सबको हक है कि वह प्यार करें। दोनों के बीच की क्या सच्चाई है अभी सोशल मीडिया में बैठी भीड़ कुछ नहीं जानती है, लेकिन एक औरत को इतना बदनाम किया, शर्मसार किया, बेइज्जत किया जो असहनीय है। ऐसे लोगों के खिलाफ तो रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए।
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यह समाज एकतरफा बात क्यों करता है? जब महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार होता है तब आप किस बिल में छुप जाते हो? कितने सारे मर्दों को मैं जानती हूँ जिनकी पत्नी हैं, बच्चें है लेकिन फिर भी उनका अफेयर चलता है। एक नहीं कई-कई महिलाओं के साथ। जब एक मर्द अपनी औरत का गला काट कर पूरी मार्केट में घूमता है तो सरे आम सारे मर्द देखते हैं। तब आप का मुँह क्यों नहीं खुलता है? जब एक मर्द दहेज के लिए अपनी पत्नी को आग में झोंक देता है तब आप कहाँ चले जाते हैं? जब एक औरत अपने बच्चो को पाल-पोष के बड़ा करती है और पढ़ा-लिखा के नौकरी लायक बनाती लेकिन बुढ़ापे में लड़के साथ छोड़ देते हैं तब आपका मुँह क्यों बंद रहता है? जब एक सरकारी अफसर अपनी पत्नी को घर से निकाल देता, कई गर्भवती औरतों को घर से निकाल दिया जाता है तब आप ऐसा अभियान नहीं चलाते हैं जैसा अभियान आपने ज्योति के लिए चलाया है।
कुछ साल पहले हमने झांसी जिले एक खबर कवरेज की थी। एक महिला है जिसका पति पुलिस डिपार्मेंट में बड़ी पोस्ट में है। उसकी दो जवान लड़कियां है लेकिन उसका किसी दूसरी महिला से संबंध हैं। वो अपनी पत्नी को बहुत मारता है, खाना खर्च नहीं देता है, जान से मारने की कई बार कोशिश की है। उस महिला के शरीर पर सिर्फ घाव के निशान हैं। ऐसे मामले में किसी मर्द की चू तक आवाज नहीं निकलती है। बाँदा में भाजपा की जिला पंचायत सदस्य स्वेता सिंह गौर अपने कमरे में फांसी से लटकती मिली। स्वेता देखने में खूब सरत थी, हर तरह का हुनर भी था लेकिन उसका पति दीपक सिंह गौर ने हमेशा उसे प्रताड़ित किया। उसके ऊपर लांछन लगाता था जबकि स्वेता के मरने के बाद दीपक के अवैध संबंध के कई तरह की वीडियो और फोन रिकॉड वायरल हुए। स्वेता तो पढ़ी लिखी थी।
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NCRB Report कहती है, देश में साल 2021 में 2020 के मुकाबले महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4,28,278 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 2020 में 3,71,503 मामले दर्ज हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्चतम दर असम (168.3 फीसदी) में दर्ज की गई है, हालांकि बीते तीन सालों में यहां मामूली गिरावट भी देखने को मिली है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि प्रति एक लाख की आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध 2020 में 56.5 फीसदी से बढ़कर 2021 में 64.5 फीसदी हो गए हैं।
राज्य में बीते साल इस तरह के 29,000 मामले दर्ज हुए हैं। इसके अलावा मामले में टॉप पर रहने वाले राज्यों में ओडिशा, हरियाणा, तेलंगाना और राजस्थान शामिल हैं। इसके लिए कभी सोशल मीडिया में हैशटैग चलाते देखा है, टमाटर 100 रुपया किलो के ऊपर है इस पर प्रोटेस्ट किया? कभी हैशटैग चलाया है? कभी अपने घर की बेटियों से पूछा की वो अंदर ही अंदर क्या महसूस कर रही होंगी तुम्हारी इन हरकतों से? नहीं पूछा तो पूछिए और हमने कमेंट बॉक्स में अपनी राय दीजिये।
इन आंकड़ों को लेकर आपके मन में क्या विचार हैं बताइयेगा ज़रूर।
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Every thing is OK but as society has som rules with out the rules it will collapse….before marriage it is OK but afterwards it is not tolerable