यूपी के बाँदा जिले में कॉलेज खुलने के साथ विरोध प्रदर्शन देखा गया।
बांदा- 16 अगस्त से कक्षा 9-12 वीं की पढ़ाई के लिए कॉलेज खुल तो गए लेकिन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ उसी दिन से कॉलेज खुलने का लगातार विरोध कर रहा है। इसी तरह यह प्राथमिक और जूनियर माध्यमिक विद्यालयों की बात की जाए तो यह स्कूल जुलाई से ही नियमित खुले हैं। लेकिन यहां बच्चे नहीं आते। सिर्फ अध्यापक-अध्यापिकाएं ही होते है। 17 अगस्त को जिला के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। कई विद्यालय पर कार्यवाही भी की गई है।
कॉलेज तो खुले लेकिन रास नहीं आ रही पढ़ाई
यह बात मैं नहीं कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं ने कही है। लम्बे समय से बन्द चल रहे कॉलेज सरकार के आदेशानुसार 16 अगस्त को खुल गए। आज चौथा दिन है लेकिन बच्चे मुश्किल से पचास भी नहीं आ रहे। उससे बड़ी बात यह भी है कि पहली पाली में तो कुछ बच्चे पहुंच भी रहे हैं, पर दूसरी पाली में बिल्कुल सन्नाटा नजर आता है। दूसरी पाली विद्यार्थियों को ही नही शिक्षिकों भी रास नहीं आ रही है। शिक्षकों का कहना है कि इतनी लंबी ड्यूटी मुश्किल हो रही है। वहीं माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक तो लगातार काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं। इनका विरोध दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा।
लॉकडाउन के बाद से स्कूल और कॉलेजों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। अब सरकार ने माध्यमिक स्कूलों को खोल दिया है। लेकिन विद्यार्थी फिलहाल स्कूलों में रुचि नहीं ले रहे हैं। यही कारण है कि स्कूल और कॉलेजों में इनकी उपस्थित न के बराबर है। यही नहीं पहली पाली तो ठीक दूसरे मीटिंग में तो एक बच्चा स्कूल नहीं पहुंच रहा है। जिससे स्कूलों में सन्नाटा नजर आता है।
क्या बोले कॉलेजों के प्रधानाचार्य?
सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कालेज की प्रधानाचार्या अमिता सिंह की माने तो पहले मीटिंग में करीब सौ बच्चे आए। लेकिन दूसरी मीटिंग में बच्चे नहीं आए। इनका मानना है कि द्वितीय पाली की पढ़ाई बच्चों को लगता है रास नहीं आ रही है।
डीआर पब्लिक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अशोक तिवारी का कहना है कि अभी बच्चे ही नहीं आ रहे हैं। पहली पाली में बस मुश्किल 9 से 12 कक्षा तक के 50 बच्चे ही आए होंगे। जबकि दूसरी पाली में तो एकदम सन्नाटा रहा। अभी बच्चे क्यों नही आ रहे समझ नहीं आ रहा है।
राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अखिलेश कुमार दीक्षित की माने तो जानकारी के अभाव में अभी बच्चों की संख्या नहीं बढ़ रही है क्योंकि ज्यादातर बच्चे देहात क्षेत्र से आते हैं मोबाइल आदि भी उनके पास नहीं हैं। वहीं तमाम बच्चे हो सकते हैं कि बाढ़ आदि की समस्या के कारण नहीं आ पा रहे हों या फिर सोच रहे होंगे कि रक्षाबंधन के बाद ही स्कूल जाएंगे। हालांकि पहले दिन की अपेक्षा दूसरे दिन बच्चों की संख्या बढ़ी है। यहां शिक्षकों के विरोध का कोई सवाल नहीं। यहां तो पहले से ही पढ़ाई दो शिफ्टों में होती आ रही है।
सुबह जल्दी खुले कॉलेज
रिपोर्टिंग के समय यहां के कक्षा दस और ग्यारह के छात्र-छात्राओं ने बताया कि कॉलेज खुलने के पहले दिन ही वह लोग 3-3 ही आये थे। बहुत लम्बा समय कॉलेज में गुजारना पड़ता है सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक। बहुत गर्मी और उमस है। सुबह जल्दी मतलब 6 या 7 बजे से खोलकर दोपहर होने से पहले छुट्टी कर दें तो सबको सुकून रहेगा।
दूसरे दिन भी काली पट्टी बांधकर जताई नाराजगी
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने माध्यमिक विद्यालयों को दो पालियों में कक्षा 9 से 12 तक प्रात: 8 से 4.30 बजे तक संचालित किए जाने का विरोध जता रहा है। मंगलवार को दूसरे दिन भी इन शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। मेजर मिथलेश पाण्डेय मंडलीय मंत्री उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने बताया कि प्रान्तीय नेतृत्व ने इसका विरोध करने के लिए आह्वान किया है कि 16 अगस्त से 24 अगस्त तक समस्त शिशक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शित करेंगे। इसके बाद 25 अगस्त को समस्त शिक्षक जिविनि कार्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन करेंगे।
बीएसए के औचक निरीक्षण में बन्द मिले कई स्कूल
कमासिन। बीएसए रामपाल सिंह ने क्षेत्र के विद्यालयों का निरीक्षण किया। बीईओ किशन मिश्रा से निरीक्षण में लापरवाही बरतने पर चेतावनी के साथ स्पष्टीकरण मांगा है। कई स्कूलों के बंद मिलने पर अध्यापकों के विरुद्ध वेतन रोकने की कार्रवाई की है।
बीएसए ने प्राथमिक विद्यालय, बेरार्व भाग-2 में सहायक अध्यापक विजय कुमार व प्रधानाध्यापक अजीत कुमार अनुपस्थित मिले। दोनों अध्यापकों का अगस्त वेतन रोकने की कार्रवाई की है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय, बेर्राव नवीन भाग-एक और प्राथमिक विद्यालय, बेरार्व प्राचीन स्कूल स्कूल बंद पाए गए।
कंपोजिट विद्यालय, परसौली इंचार्ज प्रधानाध्यापक दिरपाल का माह अगस्त का वेतन अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है। इसी विद्यालय के अनुदेशक संदीप कुमार सिंह गौतम, राजीव पाटकर, संतोष कुमारी अनुपस्थित पाए गए। इन सबका अगस्त माह का वेतन रोका गया है।
प्राथमिक विद्यालय जामू भाग-1 में तैनात शिक्षा मित्र नीलम बाबू सिंह, सहायक अध्यापक श्रीकृष्ण कुमार अनुपस्थित मिले। तीनों का अगस्त माह का मानदेय के साथ सहायक अध्यापक का वेतन रोक दिया है।
प्राथमिक विद्यालय, जामू भाग-2 के सहायक अध्यापक अनूप कुमार 13 अगस्त से 16 अगस्त के निरीक्षण में अनुपस्थित पाए जाने पर वेतन रोक दिया है। इन सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा है।
लोगों ने कहा कि कभी एक्का- दुक्का मास्टर ही आते हैं
बेर्राव के रामदीन और जामू की सहदेइया ने बताया कि उनके बच्चे तो स्कूल जा नहीं पा रहे इसलिए उन्होंने स्कूल स्टॉफ पर आवाज नहीं उठाई। कभी कभी एक्का दुक्का मास्टर दिख जाते रहे हैं। अब पता होने के वह रोज स्कूल की निगरानी करेंगे। वह अपने बच्चों को स्कूल भी भेजना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जो थोड़ा बहुत पढ़ा था वह भी भूल गए। ऑनलाइन पढ़ाई कोई पढाई होती है भला। वह तो एक मनोरंजन है।
लगातार आ रही स्थिति इस तरफ इशारा करती है कि शिक्षा में बढ़ोत्तरी कैसे हो पाएगी। वैसे भी कोरोना महामारी ने सबसे ज्यादा जिसको प्रभावित किया है वह है शिक्षा। हमारी सरकारें भी इस व्यवस्था को सुधार करने में उतनी रुचि नहीं दिखाती जितनी कि जरूरत है।
इस खबर को मीरा देवी द्वारा लिखा गया है।
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