गाँव में झुला झूलते बच्चे
सावन का आगाज होते ही गांवों में पेड़ो की डालियों पर झूले पड़ गए। बाग-बगीचे सावनी गीतों से गुलजार हो गए हैं। नई नवेली दुल्हनें हो या किशोरी व बच्चे मौका मिलते ही रिमझिम बारिशों के बीच झूले का आनंद लेने से बाज नहीं आ रहे। झूले पर पेंग मारने को बच्चों की टोली के साथ किशोरियों का समूह देख मन प्रफुल्लित हो जा रहा है। पिछले कई दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने गांव-गिरांव खेत-खलिहान में चहुंओर हरियाली फैली दी है।
सावन मास की शुरुआत 17 जुलाई से हो रही है। और इस महीने से व्रत और त्योहारों की भी शुरुआत हो जाती है।
सावन से जुडी विडियो आप यहाँ देख सकतें हैं
रिमझिम के तराने लेकर आई बारिश
रिमझिम बारिश, काली घटाओं और ठंडी हवाओं वाले मौसम के लिए पहचाने जाने वाले सावन के महीने का सभी को इंतजार है। कल से सावन शुरू होने वाला है और आज मौसम का बदला मिज़ाज देखकर लोग बारिश में छतरी लेकर सड़को पर निकल पड़े|
मेहँदी के रंग जितना गहरा होगा प्रेम
सावन में हाथों में मेहंदी की बात न हो तो सबकुछ अधूरा सा लगता है| वैसे भी सावन में मेहंदी का अपना महत्व है| मान्यता है कि जिसकी मेहंदी जितनी रंग लाती है, उसको उतना ही अपने पति और ससुराल का प्रेम मिलता है| सावन आते ही महिलाओं की कलाइयों में चूड़ियों के रंग हरे हो जाते हैं तो उनका पहनावा भी हरे रंग में तब्दील होता है| ऐसे में मेहंदी न हो तो बात पूरी नहीं होती है|
एक कहावत है रिमझिम बारिश में स्वादिष्ट पकौड़ों के साथ चाय मिल जाए तो दिन बन जाता है। और ये सही भी है तभी तो बरसात में दिनभर लोगों के घर से कुछ न कुछ तलने भुनने की खुशबू आती रहती है| ऐसी ही बुंदेलखंड की एक डिस पुआ, जो महुए का बनता है | जिसकी बनाने की पूरी प्रक्रिया आप इस विडियो से सीख सकते हैं और बना सकते हैं बारिश में कहीं जाने की जरूरत भी नहीं होगी|