सरकार ने जब से सपेरा समुदाय के लोगों का काम बंद किया है तबसे यह लोग रोज़गार के लिए भटक रहें है। क्या आने वाले समय में सरकार इन लोगों की गुहार सुनेगी या ये लोग ऐसे ही अपना जीवनयापन करते रहेंगे ?
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